डीएनए हिंदीः यदि नसों में ब्लॉकेज है या बैड कोलेस्ट्राल से लेकर शुगर- यूरिक एसिड और किसी संक्रमण से जूझ रहे तो आपके लिए गुडुची के पत्ते से लेकर तने तक बहुत काम आने वाले हैं.
एलडीएल और एचडीएल के अलावा ब्लड में ट्राइग्लिसराइड्स भी वसा के रूप में होता है. केवल बैड कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, हाई ट्राइग्लिसराइड्स लेवल भी हार्ट अटैक का कारण होता है.
गुडुची को गिलोय के नाम से भी जानते हैं, एक औषधीय जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग बुखार, दस्त, अस्थमा, स्किन इंफेक्शन, पीलिया और मूत्र संबंधी समस्याओं में भी किया जाता है. गिलोय की पत्तियां और तना रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी है. वात-पित्त-कफ को संतुलित करने वाली ये औषधि कोलेस्ट्रॉल को कम कर रक्त में बनने वाले थक्कों को भी तोड़ देती है.
गिलोय कैसे है हाई कोलेस्ट्रॉल में कारगर
गिलोय में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो स्वस्थ लिपिड स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं. गिलोय चयापचय में सुधार करके और शरीर से उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए जिम्मेदार विषाक्त पदार्थों को हटाकर शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
कैसे पीएं गिलोय का अर्क
गिलोय और काली मिर्च पाउडर के मिश्रण को रोज दिन में दो बार 3 ग्राम लें, इसके लिए गिलोय की पत्तियों और तने को मिक्सी में दो काली मिर्च, दो लौंग और एक इंच अदकर के साथ पीस लें. सुबह खाली पेट पीने के बाद शाम को पी लें. नियमित सेवन बहुत फायदे मिलेंगे.
गिलोय कब न लें?
अगर आपको डायबिटीज है और शुगर लो रहती है तो आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि यह शुगर को और ज्यादा डाउन कर देती है. प्रेगनेंसी में भी आपको गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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