डीएनए हिंदीः लगातार मोबाइल और लैपटॉप या टीवी पर नजर गड़ाए रखना आपकी आंखों को समय से पहले बूढ़ा बना रहा है. आंखों में कुछ लक्षण नजर आने लगे तो समझ लें आपके लिए ये खतरे की घंटी है और इसे समय रहते नहीं सुधारा गया तो आपकी आंखों की रौशनी तक जा सकती है.
आज के समय में आंखों को कुछ अतिरिक्त ध्यान और देखभाल की जरूरत है. अच्छी खबर यह है कि आपकी उम्र चाहे जो भी हो आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और अपनी दृष्टि को सुरक्षित रखने के कुछ काम शुरू कर दें तो अपनी आंखों की एजिंग घटा सकते हैं.
तेज धूप और गर्मी से बढ़ रहा है आंखों की इस भयंकर बीमारी का खतरा, थोड़ी भी लापरवाही से जा सकती रोशनी
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञों के अनुसार समय से पहले आंखों की कई कमियां या बीमारी मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, रेटिना हार्ड होने या रौशनी तेजी से कम होने का कारण बन रही है.
ये लक्षण नजर आए तो समझ लें है ये रेड सिग्नल
आंखों में जलन, चिपचिपापन या आंसू का आते रहना, आंखों में सूखापन या किरकिरापन, आंखों में का भारी होना, आंखों में से कम दिखना या चश्मे का पावर तेजी से बढ़ना. आंख का लेंस कम लोचदार होना या रात में लाइट में ठीक से नजर ना आना ये सब खतरे का संकेत है.
आंखों के बचाने के लिए क्या करें
- आंखों के लिए स्क्रीन टाइम तय करें. एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है.
- धूप का चश्मा और टोपी पहनने की आदत डाल लें. इससे हानिकारक यूवी किरणें अवरुद्ध हो सकती हैं और मोतियाबिंद का खतरा कम हो सकता है.
- प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम ग्लूकोमा के जोखिम को 73% तक कैसे कम कर सकता है.
- विटामिन ए, बी, सी, डी और विटामिन ई से साथ ही ओमेगा-3 की कमी से मस्कुलर डिजेनरेशन का जोखिम बढ़ जाता है और आंखों के लिए गंभीर नुकसान है.
- गहरे हरे-लाल पत्तेदार साग और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे टूना, सैल्मन, और अलसी खाने से आपकी आंखों को लाभ देगा.
- ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने से डायबिटिक रेटिनोपैथी के खतरे को 75% तक कैसे कम किया जा सकता है.
- हर 10 मिनट पर पलकों को झपकाते रहें ताकि उनका ल्यूब्रिकेशन खत्म न हो.
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इन बातों का ख्याल रखकर आप आपनी आंखों को एजिंग इफेक्ट से बचा सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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कम उम्र में आंखों पर दिख रहा एजिंग इफेक्ट, ये लक्षण देते हैं गंभीर रोग का संकेत