डीएनए हिंदी: आजकल ज्यादातर लोगों को सुबह (Bad Morning Habits) उठते ही फोन चलाने की आदत हो गई है. ऐसे में लोग उठते ही सबसे पहले मैसेज, कॉल रिसीव और स्टेटस देखते हैं फिर जाकर किसी दूसरे काम में लगते हैं. इतना ही नहीं फोन पर लोगों की निर्भरता इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोग शॉपिंग,खाना ऑर्डर, लोकेशन शेयरिंग, ट्रेन, फ्लाइट या फिल्मों की टिकट भी मोबाइल पर ही बुक करते हैं. लेकिन, सुबह से लेकर शाम तक (Bad Morning Routine) मोबाइल के साथ वक्त गुजारने की ये रूटीन आपकी सेहत बिगाड़ सकती है. बता दें कि सुबह उठते ही अगर आप मोबाइल उठाते हैं तो आपकी ये आदत दिमाग की क्रियाशीलता कम कर रहे हैं. ऐसी जीवनशैली हमारे दिमाग की क्षमता को कम करती है. साथ ही सुबह की ये रूटीन आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ है, इसलिए इस आदत को जल्द ही छोड़ देने में भलाई है...
बेहतर होना चाहिए मॉर्निंग रूटीन
बता दें कि मॉर्निंग रूटीन आपको अधिक व्यवस्थित और अपने पूरे दिन का सदउपयोग करने में मदद कर सकती है. इसके अलावा सही मॉर्निंग रूटीन आपको तनाव और चिंता से मुक्त रखती है. इतना ही नहीं, दिन की शुरूआत अगर सही रूटीन के साथ की जाए तो आप पूरे दिन के लिए पॉजिटिव माहौल तैयार कर सकते हैं. लेकिन सुबह उठने के साथ ही सबसे पहले फोन स्क्रॉल करने से हम आप अपने शरीर और दिमाग को सीधे पूरी तरह सतर्क होने के लिए मजबूर कर देते हैं, आपकी यह आदत सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है.
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बता दें कि गहरी नींद के वक्त दिमाग डेल्टा तंरगे बनती हैं जो सुबह उठने से पहले आधी नींद की हालत में थीटा तरंगों में बदल जाता है और फिर इसके बाद हमारा दिमाग अल्फा तरंगे बनाता है, हालांकि यह तब होता है जब आप जागे हुए तो हैं लेकिन बिस्तर पर लेट कर ही आराम कर रहे हैं.
अहम है सुबह का वक्त
बता दें कि हमारे दिमाग की वह अवस्था जब इसमें थीटा तरंगें बह रही होती हैं तब नए आइडिया पर विचार करने या सपने बुनने का सही समय होता है. इसके अलावा सुबह जब आपका दिमाग अल्फा अवस्था में होता है, तब ध्यान लगाने या व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय होता है. इससे आपकी बॉडी को तरोताज़ा बनती है. लेकिन इस समय में जब हम नींद से जगते हैं अपना फोन उठा लेते हैं तब हम अपने दिमाग को सीधा एक झटके से जगा देते हैं. ऐसे में मस्तिष्क की थीटा और अल्फा अवस्थाओं को छोड़ देते हैं, इसकी वजह से मन में बेचैनी और तनाव जैसी स्थिति पैदा होती है.
सुबह उठकर करें ये काम
दरअसल सुबह उठने के साथ ही फोन उठाने पर अगर कोई खराब खबर हमें दिखती है तो इससे पूरे दिन आपके दिमाग पर इसका असर रह जाता है. हालांकि सुबह उठते वक्त आपका दिमाग रचनात्मक काम के लिए सबसे अधिक अभ्यस्त होता है, लिहाजा इस समय का उपयोग अपने दिन और जिंदगी को बेहतर बनाने वाले काम में करें. इसके लिए सुबह उठकर आप पार्क में टहलने, कसरत करने, ध्यान लगाने जैसी चीज़ें करे तो ज्यादा बेहतर होगा.
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फोन उठाने की आदत से ऐसे पाएं छुटाकारा
इसके लिए जरूरी है फोन साइड में रखकर रात में समय से सो जाना और फिर सुबह जल्दी नींद से जगना. इसके लिए आप यह कर सकते हैं कि सोने से पहले फोन को एयरप्लेन मोड पर लगा दें. ऐसे में जब आप अगली सुबह जागेंगे तो आपको नोटिफिकेशन नहीं मिलेगा या फिर फोन को सोते समय दूसरे कमरे में रख दें. ऐसे में जगने के साथ ही आप फोन नहीं उठा पाएंगे और इसके लिए आपको बिस्तर से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. ऐसे में आपको सुबह जगने के साथ ही फोन उठाने की आदत से धीरे-धीरे छुटकारा मिल जाएगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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सुबह उठते ही स्क्रॉल करने लगते हैं फोन? दिमाग को खोखला कर रही है आपकी ये आदत