हाल के दिनों में अधिकतर मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण हो रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लगभग 18 मिलियन लोग इस समस्या से मरते हैं. इसका मुख्य कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल है. जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देता है. प्रारंभिक अवस्था में कोई लक्षण नजर नहीं आते.
कोलेस्ट्रॉल के कितने प्रकार हैं?
कोलेस्ट्रॉल के 3 मुख्य प्रकार हैं - एलडीएल, वीएलडीएल और एचडीएल.
सभी कोलेस्ट्रॉल खराब होते हैं?
तथ्य: कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं: एलडीएल (खराब) और एचडीएल (अच्छा). एलडीएल कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा होकर उन्हें संकुचित कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को धमनियों से हटाकर उन्हें साफ करने में मदद करता है.
कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है
हमारे शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं. कोलेस्ट्रॉल न केवल हानिकारक है, बल्कि शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है. इससे हार्मोन, विटामिन और कोशिकाएं बनती हैं. समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है. लेकिन अच्छा कोलेस्ट्रॉल हमेशा शरीर के लिए फायदेमंद होता है और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
क्या केवल मोटे लोगों को ही कोलेस्ट्रॉल होता है?
विशेषज्ञों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल सिर्फ वजन से संबंधित समस्या नहीं है. यह समस्या कई फिट लोगों में भी पाई जाती है. कोलेस्ट्रॉल खराब आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और जीन पर निर्भर करता है. जो लोग जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन करते हैं उनमें यह समस्या तेजी से बढ़ सकती है.
क्या अंडे खाने से कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है?
विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे में कोलेस्ट्रॉल होता है लेकिन अगर इसे संतुलित तरीके से आहार में शामिल किया जाए तो यह हानिकारक नहीं है. अंडे में प्रोटीन, विटामिन और अच्छे वसा होते हैं, जिन्हें अगर सही तरीके से खाया जाए तो कोई समस्या नहीं होगी.
क्या गलत खान-पान की आदतें ही इसका एकमात्र कारण हैं?
कोलेस्ट्रॉल सिर्फ खाने से नहीं बढ़ता. हमारे शरीर में 75% कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन यकृत द्वारा होता है, तथा भोजन का योगदान केवल 25% होता है. इसलिए, सिर्फ खान-पान पर ध्यान देकर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित नहीं किया जा सकता. इसके लिए आपको स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम और उचित आहार अपनाने की जरूरत है.
कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच क्यों ज़रूरी है?
उच्च कोलेस्ट्रॉल के लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है.
20 साल की उम्र से हर 4-6 साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए, खासकर अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास है तो भी उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर में क्या दिक्कत होती है?
आपके रक्त में बहुत ज़्यादा ख़राब कोलेस्ट्रॉल होने से आपको हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य समस्याएँ होने की संभावना बढ़ जाती है. उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल के लिए सामान्य चिकित्सीय शब्द हैं लिपिड विकार, हाइपरलिपिडिमिया, या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, जिनमें अंतिम शब्द सबसे सटीक है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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