कसरत आपको न केवल डायबिटीज जैसी बीमारी से बचाती है, बल्कि अगर आप प्रीडायबिटीज रेंज में हों तो आपके नॉर्मल लाइफ में लौटने की राह भी बनाती है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) की रिपोर्ट के मुताबिक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एइरॉबिक एक्सरसाइज करनी जरूरी है. इससे न केवल आपको वजन घटाने में मदद मिलती है, बल्कि आपके अन्य पैरामीटर्स भी नॉर्मल कैटिगरी में रहते हैं. शर्त यही है कि कसरत रेगुलर हो, तभी इसके नतीजे आप महसूस कर पाएंगे। इसे छोड़ने का आपके पास कोई बहाना नहीं होना चाहिए.
Slide Photos
Image
Caption
अगर आप अब तक आरामतलब जीवन जीते आए हैं और एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करने का मन बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि किस तरह की सावधानियों के साथ आप अपना नया प्रोग्राम शुरू करें. शुरुआत हल्की कसरतों से होगी तो आपका मन इससे भागेगा नहीं, बल्कि जैसे जैसे आपको नतीजे दिखेंगे, आपकी दिलचस्पी और बढ़ती जाएगी.
Image
Caption
ADA के मुताबिक हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट की ब्रिस्क वॉकिंग आपको सेहतमंद रखने के लिए काफी है. ब्रिस्क वॉकिंग का मतलब लगभग डेढ़ मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार.
Image
Caption
टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्त आधी से ज्यादा आबादी अर्थराइटिस से पीड़ित होती है. ऐसे में वॉकिंग के लिए डॉक्टर मना करते हैं क्योंकि इससे आपके जोड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में साइकिलिंग बेहतर विकल्प है.
Image
Caption
तैराकी भी ऐसी कसरत है, जिसमें आपके शरीर के जोड़ों पर न्यूनतम असर पड़ता है. स्विमिंग के साथ ही आप वाटर एइरॉबिक्स, एक्वा जॉगिंग भी कर सकते हैं. 2017 के रिव्यू के मुताबिक स्विमिंग से आपका ब्लडशुगर लेवल जल्दी ही काबू में आ जाता है.
Image
Caption
अगर आप कसरत के लिए खुद को प्रेरित नहीं कर पा रहे हैं तो टीम स्पोर्ट्स से खुद को जोड़िए. इसमें आप बास्केटबॉल, फुटबॉल, सॉफ्टबॉल, टेनिस आदि से खेल-खेल में फिटनेस पा सकते हैं.
Image
Caption
एरोबिक्स डांस या अन्य फिटनेस क्लास ज्वाइन करके आप मनोरंजक अंदाज में फिटनेस हासिल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए जुंबा ऐसा ही एक फिटनेस प्रोग्राम है। 2015 की एक स्टडी बताती है कि 16 हफ्ते तक जुंबा क्लास करने से टाइप2 डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं की फिटनेस में सुधार आया और वजन भी कम हुआ.
Image
Caption
अगर आपको जिम में वेट ट्रेनिंग का शौक रहा है और जीवन की भागदौड़ में ये शौक छूट गया है, तो अब आप इसे फिर से शुरू कर सकते हैं. वेट मशीन, फ्री वेट या घर में ही रखे भारी सामानों को उठाकर ये एक्सरसाइज कर सकते हैं. वेट ट्रेनिंग शुरू करने से पहले प्रोफेशन फिटनेस ट्रेनर से गाइडेंस जरूर लें.
Image
Caption
मसल्स बिल्डिंग के लिए जरूरी नहीं कि आप वेट ट्रेनिंग ही करें। आजकल मार्केट में रेजिस्टेंस बैंड भी उपलब्ध हैं, जो ज्यादा जगह भी नहीं घेरते और आपका पसीना छुड़ाने में मददगार भी बनते हैं. इसमें भी ध्यान रखनेवाली बात ये ही है कि इसकी शुरुआत किसी प्रोफेशनल ट्रेनर या क्लास या इस एक्सरसाइज से जुड़े वीडियोज देखकर करें.
Image
Caption
कैलिस्थेनिक्स में आप अपने ही शरीर के वजन से अपनी मांसपेशियों को मजबूत करनेवाली कसरत कर सकते हैं. इसमें पुशअप्स, पुलअप्स, स्क्वैट, लंजेस और एक क्रंच शामिल हैं। बेहतर रिजल्ट्स के लिए फिटनेस ट्रेनर से भी मदद ले सकते हैं.
Image
Caption
पिलेट्स भी एक पॉपुलर फिटनेस प्रोग्राम है. इसके लिए आप अपने आसपास के जिम या पिलेट्स स्टूडियो में पिलेट्स क्लास अटेंड कर सीख सकते हैं. इसके अलावा तमाम वीडियोज और किताबें भी इस संबंध में आपकी समझ बढ़ा सकते हैं.
Image
Caption
योग को अनादि काल से स्वस्थ शरीर के लिए अनिवार्य माना गया है. नई स्टडीज भी हो रही हैं इन पर, जिसमें पाया गया कि नियमित योग करने से ब्लड शुगर, कॉलेस्ट्रॉल लेवल और वजन काबू में रहते हैं. इससे ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है, आपकी नींद की क्वॉलिटी सुधरती है और आपका मूड भी बेहतर होता है.