Goa News: गोवा को फिल्मों में ईसाई संस्कृति वाले राज्य के तौर पर पेश किया जाता है, जहां के चर्च और पुर्तगाली औपनिवेशिक काल के स्मारक ही दिखाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि असल में इस दक्षिण भारतीय राज्य की बहुसंख्यक आबादी हिंदू है. इस हिंदू आबादी के युवाओं को दोबारा सनातन धर्म की परंपराओं से जोड़ने के लिए वहां एक नई मुहिम की शुरुआत हुई है. इसके लिए पूरे देश से संतों को वहां बुलाया गया है. संत समाज का यह जमावड़ा गोवा स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025 में हुआ है, जिसका आयोजन सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य ने किया है.
गोवा को भोगभूमि से अध्यात्म की धरती बनाने का संकल्प
गोवा स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025 का शुभारंभ गुरुवार को गोमाता पूजन और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ था. इस स्पिरिचुअल फेस्टिवल में गोवा की भोगभूमि वाली छवि को बदलकर प्राचीन गोवा वाला अध्यात्मिक स्वरुप वापस लौटाने का संकल्प संतों ने लिया. श्री दत्त पद्मनाभ पीठ तथा सत्गुरु फाउंडेशन के संयुक्त आयोजन की संतों ने तारीफ की. संतों ने कहा कि सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य स्वामीजी के कारण गोवा को आध्यात्मिक दृष्टि प्राप्त हो रही है और इसे विश्वभर में प्रचारित किए जाने की आवश्यकता है.
पूरे देश तक पहुंचना चाहिए गोवा का यह रूप
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबराबनंद सरस्वती ने कहा कि स्वामी ब्रह्मेशानंदाचार्य गोवा की संस्कृति को सुधारने के साथ ही इसे महान बनाने का कार्य कर रहे हैं और संतों का यही कार्य है. इस फेस्टिवल के माध्यम से आध्यात्मिक गोवा का अभूतपूर्व दर्शन हुआ है. गोवा धीरे-धीरे बदल रहा है और इसका अनुभव पूरे देश को होना चाहिए. संतों ने संकल्प लिया कि वे जहां-जहां जाएंगे, वहां गोवा का असली इतिहास पहुंचाएंगे. इस अवसर पर हरिद्वार से स्वामी भूपेंद्रगिरी, अमेरिका से स्वामी स्वात्मानंद, गोवा के जलस्रोत मंत्री सुभाष शिरोडकर, विधायक विजय सरदेसाई, सुरेंद्र देसाई, बीसीसीआई के जनरल सचिव रोहन देसाई, सत्गुरु फाउंडेशन की अध्यक्षा ब्राह्मीदेवी आदि मौजूद रहे.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

गोवा में लगा संतों का जमावड़ा, युवाओं को फिर से सनातन धर्म से जोड़ने की शुरू हुई कवायद