डीएनए हिंदी: एक बार फिर WHO (World Health Organization) ने Mental Health पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि डिप्रेशन और एंग्जाइटी (Depression and Anxiety) के आंकड़े कोविड (Covid 19) के एक साल में 25 फीसदी बढ़ गए हैं. संगठन ने बताया कि विश्व में मेंटल हेल्थ पर की जाने वाली ये सबसे बड़ी रिपोर्ट है. संगठन ने हाल ही में ये रिपोर्ट साझा की है.
संगठन ने कहा कि मेंटल हेल्थ के बगैर हेल्थ की कल्पना ही नहीं की जा सकती क्योंकि मेंटल हेल्थ कहीं ना कहीं दुनिया की अर्थव्यवस्था,सामाजिक दशा पर भी असर डालता है. उनके मुताबिक ये कोविड के बाद की सबसे बड़ी ग्लोबल क्राइसिस है, जिससे पूरी दुनिया जूझ रही है. इसपर स्वास्थ्य से जुड़े सभी संगठनों को ध्यान देने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें- पुरुषों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत, क्यों नहीं करता कोई बात
इन आंकड़ों ने सभी को हिलाकर रख दिया है. अगर कोविड के पहले साल में मेंटल हेल्थ के मामलों में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है तो हम इस बात को नकार नहीं सकते हैं कि अब तक हालात क्या हो गए होंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं, युवा और बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में 8 लोगों में से एक को मेंटल हेल्थ की दिक्कत थी लेकिन अब आंकड़ा बढ़ गया है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 100 में से एक व्यक्ति आत्महत्या करता है.
क्या Covid-19 की वजह से मेंटल हेल्थ पर पड़ रहा है बुरा असर? स्टडी में नया खुलासा
इस डिप्रेशन के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया है
बच्चों के साथ अमानविक व्यवहार, रेप, यौन उत्पीड़ण की समस्या, पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, क्लाइमेट चेंज इन सभी की वजह से ये क्राइसिस और ज्यादा बढ़ गई है.कोई भी देश मेंटल हेल्थ पर बिल्कुल फोकस नहीं करता है, यहां तक की दुनिया में मेंटल हेल्थ पर खर्च करने के लिए बजट भी नहीं रखा जाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Mental Health Alert: WHO की चौंकाने वाली रिपोर्ट, Global Emergency की ओर बढ़ रहा है मानसिक स्वास्थ्य