डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार को अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 (SSLV-D2) को लॉन्च कर दिया है. इसका पूरा नाम स्मॉल स्टैलाइट लॉन्च व्हीकल है. यह लॉन्चिंग आज सुबह 9:18 बजे हुई. इसरो की तरफ से इसमें अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-07 भेजा गया है. इस रॉकेट का वजन 156.5 किलोग्राम का है.
इसरो ने बताया कि लॉन्च होने के अपने 15 के दौरान नए रॉकेट SSLV-D2 ने तीन सेटेलाइट इसरो के Eos-07, अमेरिका स्थित फर्म Antaris Janus-1 और चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप SpaceKidz के AzaadiSAT-2 को 450 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया.
ये भी पढ़ें- ये भी पढ़ें- दिल्ली में फिर होगा बड़ा आंदोलन? जानें 20 मार्च को संसद के बाहर क्या करने वाले हैं किसान
#WATCH | Andhra Pradesh: ISRO launches Small Satellite Launch Vehicle-SSLV-D2- from Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota to put three satellites EOS-07, Janus-1 & AzaadiSAT-2 satellites into a 450 km circular orbit pic.twitter.com/kab5kequYF
— ANI (@ANI) February 10, 2023
यह इसरो का इस साल का पहला मिशन है. इसरो ने बताया कि एलवी डी2 ने तीनों उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया. साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद 34 मीटर लंबे रॉकेट को यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया. इसरो को छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन बाजार में सफलता हासिल करने के लिए इस प्रक्षेपण से काफी उम्मीदें हैं.
ये भी पढ़ें- 'पारसनाथ पर्वत हमें नहीं मिला तो जैन मंदिरों का बाबरी जैसा कर देंगे हाल', पूर्व सांसद का विवादित बयान
पिछले SSLV-D1 में आई थी गड़बड़ी
बता दें कि इससे पहले पिछले साल अगस्त के महीने में इसरो ने स्मॉल सैटलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (SSLV-D1) का इस्तेमाल किया था. हालांकि, कुछ तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से इन सैटलाइट का संपर्क टूट गया था. ISRO ने बताया था कि ये सैटलाइट गलत ऑर्बिट में स्थापित हो गए हैं इस वजह से ये किसी काम के नहीं हैं. इसरो ने पहली बार इस तरह की कोशिश की थी कि छोटे सैटलाइट को भेजने के लिए कम क्षमता वाले लॉन्चिंग व्हीकल का इस्तेमाल किया जाए जिससे इसकी लागत कम की जाए.
इसरो ने बताया था कि जो SSLV-D1 ने जो सैटलाइट भेजे वे 365 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट के बजाय 356X76 किलोमीटर के इलिप्टिकल ऑर्बिट में चला गया. इस वजह से ये सैटलाइट अब किसी काम के नहीं रहे. समस्या की पहचान सही से हो कर ली गई है. सेंसर में गड़बड़ी का पता नहीं लगाया जा सका इस वजह से यह सैटलाइट अपने रास्ते से हट गया.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
ISRO ने अपने सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 को किया लॉन्च, जानें क्या है इसकी खासियत