डीएनए हिंदी: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों में से एक हैं, उनकी वजह से हिंदू स्वाभिमान जागा है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े हैं जबकि वह उनकी कई नीतियों की आलोचना कर चुके हैं. शंकराचार्य ने पहले अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि किसी दिव्यांग मंदिर में कैसे किसी देवता की प्राण प्रतिष्ठा हो सकती है.

स्वामी अविमु्क्तेश्वरानंद ने कहा है कि यह सच्चाई यह है कि पीएम मोदी ने हिंदुओं को आत्म-जागरूक बनाया है जो छोटी बात नहीं है. हमने सार्वजनिक रूप से कई बार कहा है कि हम मोदी विरोधी नहीं हैं बल्कि उनके प्रशंसक हैं. भारत के एक और प्रधान मंत्री का नाम बताइए जिसने पहले भी मोदी की तरह हिंदुओं को मजबूत किया है. हमारे कई प्रधान मंत्री रहे हैं और वे सभी अच्छे रहे हैं. हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं.'

'हिंदू मजबूत होते हैं तो मिलती है खुशी'
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, तो क्या हमने इसका स्वागत नहीं किया? जब नागरिकता संशोधन कानून आया तो क्या हमने इसकी प्रशंसा नहीं की? क्या हमने पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान में बाधा डाली? हमने इस बात की भी सराहना की कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भूमि पर राम मंदिर बनाए जाने के फैसले के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में कोई व्यवधान नहीं आया. जब भी हिंदू मजबूत होते हैं तो हमें खुशी होती है और नरेंद्र मोदी वह काम कर रहे हैं.'

इसे भी पढ़ें- Ram Mandir Live: 'जगमगाई अयोध्या, घर-घर जले दीप, राम की नगरी में उमड़ा देश'

नई मूर्ति पर भी शंकराचार्य ने उठाए हैं सवाल
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने 18 जनवरी को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख नृत्य गोपाल दास को पत्र लिखकर पूछा था कि मौजूदा मूर्ति का क्या होगा क्योंकि गर्भगृह में एक नई मूर्ति रखी जाने वाली है. उन्होने सवाल किया था, 'अगर यह नई मूर्ति रखी जाएगी, तो राम लला विराजमान का क्या होगा? अब तक रामभक्तों को लगता था कि नया मंदिर रामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है. लेकिन अब, मंदिर परिसर में निर्माणाधीन गर्भगृह में एक नई मूर्ति की खबर ने संदेह पैदा कर दिया है कि क्या राम लला विराजमान को उपेक्षित किया जाएगा.'

पहले आलोचना, अब तारीफ, कैसे बदली शंकराचार्य की राय
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कहा था कि मंदिर को  भगवान का शरीर माना जाता है. मंदिर अधूरा है और इसलिए वहां नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करना सही नहीं है. उनके बयान के बाद विपक्ष को बहाना मिल गया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ सरकार की जमकर आलोचना करें. विपक्ष ने कहा था कि मोदी शास्त्र विरोधी काम कर रहे हैं. हालांकि कुछ शंकराचार्यों ने बयान जारी कर कहा कि उन्हें कार्यक्रम पर कोई आपत्ति नहीं है. अब अचानक अविमुक्तेश्वरानंद ने पीएम मोदी की तारीफ की है.

इसे भी पढ़ें- ​​​​​​​रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में उमड़े देश भर के कलाकार, जानिए अयोध्या में कितने बजे होगा कार्यक्रम

प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं शामिल होंगे शंकराचार्य
हिंदू धर्म के चारों शंकराचार्यों ने राम मंदिर कार्यक्रम से दूरी बनाई है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठने लगे क्योंकि शंकराचार्यों का कहना था कि यह शास्त्र विरोधी तरीके से हो रहा है. हिंदू धर्म के संरक्षक चार शंकराचार्यों ने साफ तौर पर कह दिया था कि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.


देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
How Shankaracharya Avimukteshwaranand praising PM Modi earlier criticised Ram Mandir Pratishtha
Short Title
'हम मोदी के प्रशंसक,' कैसे बदल गए स्वामी शंकराचार्य अविमुक्तेश्वारनंद के सुर?
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद.
Caption

ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद.

Date updated
Date published
Home Title

'हम मोदी के प्रशंसक,' कैसे बदल गए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वारनंद के सुर?
 

Word Count
607
Author Type
Author