ISRO Cheif: डॉ. वी. नारायणन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक हैं. चार दशकों से अधिक के करियर में उन्होंने रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन सिस्टम के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है. ISRO में अलग-अलग उच्च पदों पर रहते हुए, उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया.
GSLV Mk III में भूमिका
डॉ. नारायणन ने GSLV Mk III व्हीकल के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया है. उनके नेतृत्व में, ISRO ने C25 स्टेज का सफलतापूर्वक विकास किया, जो GSLV Mk III के लिए एक प्रमुख घटक है. यह उपलब्धि भारत के स्पेस मिशनों के लिए मील का पत्थर साबित हुई है.
कई मिशनों में है योगदान
डॉ. नारायणन ने LPSC के माध्यम से इसरो के अलग-अलग मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट प्रदान किए. उन्होंने PSLV के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण का नेतृत्व किया और PSLV C57 के लिए कंट्रोल पावर प्लांट विकसित किया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने आदित्य एल-1, GSLV Mk III, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे मिशनों में प्रोपल्शन सिस्टम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सम्मान और पुरस्कार
डॉ. नारायणन को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. इनमें IIT खड़गपुर का रजत पदक, ASI का स्वर्ण पदक, एनडीआरएफ का राष्ट्रीय डिजाइन पुरस्कार शामिल हैं. ये सम्मान उनकी विशेषज्ञता और योगदान को दर्शाते हैं.
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एस. सोमनाथ का कार्यकाल
इसरो के मौजूदा प्रमुख, एस. सोमनाथ, ने जनवरी 2022 में इसरो की कमान संभाली. उनका कार्यकाल इस महीने समाप्त होने वाला है. इससे पहले, वह विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के निदेशक रह चुके हैं. सोमनाथ देश के अग्रणी रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं, जिन्होंने इसरो के कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया.
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कौन हैं वी. नारायणन? जो 14 जनवरी से संभालेंगे ISRO के नए चीफ का पद