मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) का बिल अब जल्द संसद में पेश हो सकता है. गुरुवार को मोदी कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है. अब इसे जल्द ही संसद में पेश किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक एक देश एक चुनाव बिल को संसद से पास कराने के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है. इसी शीतकालीन सत्र में इस बिल को सदन के पटल पर लाया जा सकता है. सदन में बिल पेश करने से पहले जेपीसी की कमेटी गठित कर सभी दलों से सुझाव लिए जाएंगे.
सभी दलों और राज्य सरकारों से ली जाएगी राय
वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर मोदी सरकार की कोशिश आम सहमति बनाने की है. इसके लिए विपक्षी दलों से भी राय ली जाएगी. इसके अलावा, राज्य सरकारों और सिविल सोसाइटी के लिए काम करने वाले लोगों, राजनीतिक विश्लेषकों और बुद्धिजीवियों से भी सलाह ली जाएगी. सरकार पक्ष के साथ विपक्षी विचारों और इस प्रक्रिया से जुड़ी लोगों की चिंताओं का भी समाधान करना चाहती है. सरकार इसे अमली जामा पहनाने से पहले आम सहमति का माहौल तैयार करना चाहती है.
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क्या है वन नेशन वन इलेक्शन के फायदे
वन नेशन वन इलेक्शन को महत्वपूर्ण चुनावी सुधार के तौर पर देखा जा रहा है. इसके समर्थन में तर्क दिया जा रहा है कि इससे अलग-अलग समय पर चुनाव कराने के लिए मशीनरी और चुनावी खर्चों पर रोक लगेगी. इससे चुनावी लागत को बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है. दूसरी ओर इसके विरोध में तर्क दिया जा रहा है कि इससे राज्यों के स्थानीय मुद्दों को तरजीह नहीं मिलेगी. राज्यों का चुनाव भी राष्ट्रीय मुद्दों पर ही होगा.
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एक देश एक चुनाव प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मिली मंजूरी, संसद में कब होगा पेश?