मथुरा संसदीय सीट की पहचान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के रूप में भी है. यह शहर यमुना तीरे पर बसा है. इस लोकसभा क्षेत्र के पूरब में हाथरस, दक्षिण पूर्व में आगरा, उत्तर में अलीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान का जिला भरतपुर से घिरा है. मथुरा लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 5 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - छाता, मथुरा, मांट, गोवर्धन और बलदेव (एससी).
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2019 में मथुरा संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हेमा मालिनी की जीत हुई थी. उन्हें कुल 671293 वोट मिले थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी कुंवर नरेंद्र सिंह रहे थे. जिन्हें इस क्षेत्र के 377822 वोटरों का समर्थन मिला था. कुंवर नरेंद्र सिंह 293471 वोटों के अंतर से हार गए थे. 2019 में इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 1807893 मतदाता थे. इसमें महिला मतदाताओं की कुल संख्या 823436 थी जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 984255 थी.
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ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में मथुरा खूब प्रसिद्ध रहा है. पौराणिक साहित्य में मथुरा की चर्चा शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी के नाम से भी हुई है. यहां के पेड़े बहुत प्रसिद्ध हैं. वैसे, यहां सबसे पहला चुनाव 1952 में हुआ था. 1952-62 तक यह सीट स्वतंत्र उम्मीदवार के हाथ में थी. 1962 से 1977 तक इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व रहा. वैसे तो कई आम चुनावों में यह सीट लोकदल, जनता पार्टी व जनता दल जैसी पार्टियों के खाते में भी आती रही. 1991 से 2004 तक यहां बीजेपी जीतती रही. उसके बाद 2004 और 2009 में यह सीट दोबारा कांग्रेस पार्टी के हिस्से आई, लेकिन 2009 के बाद RLD और 2014 व 2019 में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा कर लिया.
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