डीएनए हिन्दी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को उनके 87वें जन्मदिन पर बधाई दी. पीएम मोदी की बधाई के बाद चीन बौखला उठा है. चीन ने इसे आतंरिक मामले में हस्तक्षेप बता दिया है. लेकिन, भारत ने चीन की आलोचना को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि सरकार की नीति भारत में दलाई लामा को हमेशा सम्मानित अतिथि के रूप में देखने की रही है और इस सभी को समग्रता में देखना चाहिए.
बुधवार आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का 87वां जन्मदिन था. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि 'फोन पर दलाई लामा से बात कर उन्हें 87वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. हम उनके लंबे जीवन और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं.’ दलाई लामा फिलहाल धर्मशाला में रह रहे हैं.
Conveyed 87th birthday greetings to His Holiness the @DalaiLama over phone earlier today. We pray for his long life and good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2022
पीएम मोदी की बधाई पर गुरुवार को चीन प्रतिक्रिया सामने आई है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘भारतीय पक्ष को 14वें दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी स्वभाव को पूरी तरह से पहचानना चाहिए.’ झाओ ने कहा, ‘चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए, समझदारी से बोलना और कार्य करना चाहिए तथा चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए तिब्बत से संबंधित मुद्दों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए.’
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झाओ ने सिर्फ पीएमो मोदी को ही नहीं बल्कि दलाई लामा को बधाई देने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भी आलोचना की. ब्लिंकन ने अपने संदेश में कहा कि अमेरिका तिब्बती समुदाय की विशिष्ट भाषाई, धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा, जिसमें स्वतंत्र रूप से अपने धार्मिक नेताओं को चुनने की उनकी क्षमता भी शामिल है. ब्लिंकन के बयान पर झाओ ने कहा कि ‘तिब्बत के मामले चीन के आंतरिक मामले हैं, जिसमें कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. चीन 14वें दलाई लामा के साथ किसी भी देश के किसी भी जुड़ाव के खिलाफ है.’
उन्होंने कहा कि दलाई लामा धार्मिक व्यक्ति के वेश में राजनीतिक निर्वासित शख्स हैं जो लंबे समय से चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अमेरिकी पक्ष से तिब्बत से संबंधित मुद्दों की महत्वपूर्ण और संवेदनशील प्रकृति की पूरी समझ रखने, चीन के मूल हितों का सम्मान करने, दलाई लामा समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति की स्पष्ट समझ रखने तथा तिब्बत से संबंधित अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने का आग्रह करते हैं। दलाई लामा के साथ किसी भी प्रकार के जुड़ाव को रोकें और बाहरी दुनिया को कोई गलत संकेत भेजना बंद करें।’’
गौरतलब है कि चीन दलाई लामा पर ‘अलगाववादी’ गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाता रहा है, हालांकि, तिब्बती आध्यात्मिक नेता का कहना है कि वह आजादी नहीं बल्कि ‘मध्य-मार्गी दृष्टिकोण’ के तहत ‘तिब्बत के तीन पारंपरिक प्रांतों में रहने वाले सभी तिब्बतियों के लिए वास्तविक स्वायत्तता’ की मांग कर रहे हैं.
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दलाई लामा को पीएम मोदी की बधाई पर चीन को लगी 'मिर्ची', भारत ने दिखाया आइना