डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने देश में आतंकी हमलों की संख्या पर संसद में बयान दिया है. नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2021 की तुलना में इस साल आतंकी हमलों (Terror Attacks) की संख्या कम हुई है. उनके मुताबिक, इस साल जम्मू-कश्मीर में कुल 123 आतंकी मारे गए. आतंकी हमलों और एनकाउंटर में सुरक्षा बलों के कुल 31 जवानों की जान गई है. साथ ही, 31 आम नागरिक भी मारे गए हैं. एनसीआरबी डेटा (NCRD Data) का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि अपराध के आंकड़ों में मॉब लिंचिंग को अलग से नहीं रखा गया है इसलिए उसकी संख्या नहीं बताई जा सकती है.
संसद में सवालों का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा, 'साल 2019 से UAPA के तहत दो संगठनों को आतंकी घोषित किया जा चुका है. पहला- तहरीक-उल मुजाहिदीन और उससे जुड़े संगठन. दूसरा- जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन भारत.' उन्होंने यह भी बताया कि साल 2018 से आतंकी घटनाओं में लगातार कमी आ रही है. साल 2018 में आतंकी घटनाओं की संख्या 417 थी और 2021 में इन घटनाओं की संख्या 229 थी.
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There has been a substantial decline in terrorist attacks from 417 in 2018 to 229 in 2021. 14 persons belonging to minorities including 3 Kashmiri Pandits have been killed in UT of Jammu and Kashmir from January 2022 to 30th November 2022: MoS Home Nityanand Rai
— ANI (@ANI) December 7, 2022
साल में मारे गए 3 कश्मीरी पंडित
नित्यानंद राय ने बताया कि इस साल 1 जनवरी 2022 से 30 नवंबर 2022 के बीच जम्मू-कश्मीर में कुल 14 लोगों की हत्या हुई है. इसमें 3 कश्मीरी पंडित भी शामिल हैं. इस साल नवंबर के आखिर तक कुल 123 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में मारे गए हैं. आतंक विरोधी ऑपरेशन में कुल 31 जवान शहीद हुए हैं. आतंकी घटनाओं और एनकाउंटर में कुल 31 आम नागरिकों की मौत हुई है.
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गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस साल पंजाब, तमिलनाडु और कर्नाटक में कुल 3 आतंकी घटनाएं हुई हैं. इन घटनाओं में किसी भी आम नागरिक या सुरक्षाकर्मी की जान नहीं गई है. मॉब लिंचिंग के बारे में पूछ गए एक सवाल के जवाब में नित्यानंद राय ने कहा, 'NCRB की ओर से प्रकाशित की जाने वाली 'क्राइम इन इंडिया' रिपोर्ट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिलने वाले डेटा के आधार पर तैयार की जाती है. आईपीसी और विशेष कानूनों के तहत अलग-अलग अपराधों की कैटगरी के हिसाब के गिनती की जाती है. NCRB मॉब लिंचिंग की घटनाओं की अलग से गिनती नहीं करता है.'
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साल भर में जम्मू-कश्मीर में मारे गए 123 आतंकी, 3 कश्मीरी पंडितों की भी गई जान