पाकिस्तान के साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत पर कितना असर पड़ेगा? ये चीजें हो सकती हैं महंगी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. इसी कड़ी में भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक रिश्ते भी तोड़ दिए हैं. आइए जानते हैं इससे दोनों देशों पर क्या असर होगा.
Pahalgam Attack: अटारी बॉर्डर पर छूटी यादें! किसी की पत्नी गई पाकिस्तान तो किसी से बिछड़े मासूम, भारत छोड़ रहे लोगों ने क्या कहा
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन में है. कई फैसले लेते हुए सरकार ने भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापिस पाकिस्तान लौटने का आदेश दिया है. अटारी बॉर्डर पर कई परिवार अपने प्रियजनों से बिछड़ गए.
Pahalgam Attack: कश्मीरी स्टूडेंट्स ने की पहलगाम हमले की निंदा, कहा- हम देश के साथ हैं
चंडीगढ़ की सड़कों से कश्मीरी विद्यार्थियों ने सड़क पर उतरकर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और एकता का संदेश दिया.
Pahalgam Attack: कश्मीरी स्टूडेंट्स ने की पहलगाम हमले की निंदा, कहा- हम देश के साथ हैं
चंडीगढ़ की सड़कों से कश्मीरी विद्यार्थियों ने सड़क पर उतरकर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और एकता का संदेश दिया.
पहलगाम हमले के दौरान जिपलाइन ऑपरेटर ने लगाए 'अल्लाह हू-अकबर' के नारे, NIA करेगी पूछताछ, Video Viral
पहलगाम में जिपलाइन ऑपरेटर को NIA ने पूछताछ के लिए बुलाया है. चश्मदीद पर्यटक ऋषि भट्ट ने ये दावा किया है कि ऑपरेटर इस्लामी नारे लगा रहा था.
'आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दे सरकार' AAP MP संजय सिंह बोले
कानपुर में आप सांसद संजय सिंह ने कहा, "इस परिवार ने एक जवान बेटे को खो दिया, जिसकी शादी महज 2 महीने पहले हुई थी. आतंकियों ने इतनी क्रूरता दिखाई, पत्नी के सामने पति को मार दिया गया... हम परिवार के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते, लेकिन सरकार को उन आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना चाहिए. उनका खात्मा होना चाहिए... हम सरकार के साथ हैं."
पहलगाम में युवाओं के जत्थे ने कहा 'आतंकवादी नहीं हैं कश्मीरी'
सुनते थे खामोशी शोर से घबराती है, खामोशी ही शोर मचाए - ये तो हद है. जीहां, पहलगाम की व्यस्त रहने वाली सड़कें अब सूनी हैं. पर्यटकों की हंसी-खुशी में शरीक रहने वाली गलियां, अब वीरान हैं. पर्यटकों की आवाजाही बंद होने से लोकल इकॉनोमी संघर्ष कर रही है. होटल, रेस्तरां और लोकल मार्केट सूने-सूने से हैं. टैक्सियां खड़ी हैं, मगर उनमें बैठने वाली सवारियां पहलगाम से दूर हैं. जिनके मन में सिर्फ पहलगाम ही नहीं, पूरे कश्मीर को लेकर फिर से एक संदेह सिर उठाने लगा है, उनके संदेह को दूर करने के लिए श्रीनगर के युवाओं का एक जत्था, पहलगाम की खामोश सड़कों पर उतरा. युवाओं का यह समूह अपनी लग्जरी कारों में सवार होकर निकला. हर कार पर एक ही मेसेज चिपका दिखा. इन स्टिकरों पर लिखा था - आतंक के खिलाफ एकजुट. इन युवाओं का मेसेज बिल्कुल साफ है. वे कहना चाहते हैं कि कोई भी आतंकवाद अब के कश्मीर को परिभाषित नहीं कर सकता. अब के दौर में कश्मीर का मतलब है - शांति, सुकून और एकजुटता. श्रीनगर से आए युवाओं के जत्थे में शामिल इम्तियाज कहते हैं कि हम कश्मीरी आतंकवादी नहीं हैं.
पहलगाम हमले के बाद कार्रवाई तेज, गुजरात में पकड़े गए 500 अवैध प्रवासी, पुलिस ने निकाली परेड
पहलगाम हमले के बाद भरात सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं. अब इसी कड़ी में गुजरात सरकार ने विदेशी नागरिकों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है.
शिमला समझौता तोड़ पाकिस्तान ने अपने पैरों पर मारी कुल्हाड़ी! क्या भारत के लिए खुला Pok का दरवाजा
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. इसी कड़ी में भारत सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसके बाद पाकिस्तान में भी बैखलाहट तेज हो गई है.
आतंकी कार्रवाई के बाद दहशत में पहलगाम, सड़कों पर पसरा सन्नाटा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस रोज आतंकवादियों ने बैसरन मैदान में कई बेगुनाह टूरिस्टों की हत्या कर दी थी. आतंकवादियों की इस कार्रवाई के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के लोग भी विरोध में उतर आए थे. लेकिन अब पहलगाम में सन्नाटा छाया हुआ है. यह वीडियो आज सुबह पहलगाम में शूट किया गया. 22 अप्रैल से पहले पहलगाम की सड़कें सैलानियों की चहल पहल से गुलजार रहा करती थीं. स्थानीय निवासियों के तमाम रोजगार चलते रहते थे. होटल का बिजनेस लगातार फल-फूल रहा था. पर आतंकवादियों की इस नापाक हरकत ने कश्मीरियों से उनका रोजगार छीन लिया. सुकून छीन लिया. उनके चेहरे की रौनक गायब हो गई है. यह सही है कि सड़कों पर जितना घना सन्नाटा पसरा है, कश्मीरियों के सीने में उससे कहीं ज्यादा तकलीफ भरी हुई है. उन्हें अफसोस है कि उनके इलाके में आतंकवादियों ने ऐसी हरकत की. उन्हें इस बात का भी दुख है कि कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. उन्हें इस बात का क्षोभ भी है कि इससे पर्यटन को नुकसान हुआ और उनके रोजगार पर संकट आया. सच है कि सड़कों पर पसरा यह सन्नाटा पूरे देश में शोर मचा रहा है. उम्मीद की जानी चाहिए कि केंद्र और राज्य सरकारें आतंकवादियों के इस दहशत से जम्मू-कश्मीर के लोगों को निजात दिलाने में कामयाब होंगी. फिर से पहलगाम की ये सड़कें चहचहाएंगी, पर्यटकों से गुलजार होंगे यहां के होटल और दुकानें. पर्यटकों के साथ-साथ कश्मीरियों के चेहरे पर भी तैरेगी मुस्कान.