डीएनए हिंदीः चुनावों में मुफ्त की योजनाओं (Freebies) को लेकर केंद्र सरकार, राजनीतिक दल और चुनाव आयोग की क्या राय है उसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सभी पक्षकार अपना जवाब दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से शनिवार तक सुझाव मांगे थे. कोर्ट ने पिछले सुनवाई में कहा था कि सभी पक्षकारों की राय जानने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है.  

सुप्रीम कोर्ट बोला- नहीं लगा सकते रोक
चुनावों में मुफ्त की चीजें देने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट  में सुनवाई भी जारी है. इसको लेकर कोर्ट ने कहा है कि किसी राजनीतिक दलों को मुफ्त की चीजें देने के वादे पर रोक नहीं लगाई जा सकती है. कोर्ट ने कहा है कि हम यह तय करेंगे कि चुनावी घोषणा में फ्री स्कीम्स क्या है और कौन सी चीज राजनीतिक रिश्वत है. 

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मनरेगा का दिया उदाहरण
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान फ्री स्कीम्स का मनरेगा का सबसे बेहतरीन उदाहरण दिया है. उन्होंने कहा, "इस स्कीम्स से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है, मगर यह वोटर को शायद ही प्रभावित करता है. मुफ्त में वाहन देने की घोषणा कल्याणकारी उपायों के रूप में देखा जा सकता है? क्या हम कह सकते हैं कि शिक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग फ्री स्कीम्स है?"

विशेषज्ञ कमेटी बनाने का दिया सुझाव
कोर्ट ने इस मामले को लेकर विशेषज्ञों की समित बनाने की बात कही थी. माना जा रहा है कि कोर्ट इस पर अपना फैसला दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक्सपर्ट कमेटी में वित्त आयोग, नीति आयोग, रिजर्व बैंक, लॉ कमीशन, राजनीतिक पार्टियों समेत दूसरे पक्षों के प्रतिनिधि भी होने चाहिए. 

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तीन सदस्यीय बेंच कर रही सुनवाई 
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ कर रही है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह की से मुफ्त का वादा करने वाले राजनीतिक दलों (Political Parties) की मान्यता रद्द करने की व्यवस्था की मांग की गई है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रेवड़ी कल्चर' को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसा था, इसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि करदाताओं के साथ तब धोखा होता जब चंद साथियों के बैंक कर्ज माफ कर दिए जाते हैं.  

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Freebies What opinion of the government to Election Commission suggestions will be submitted Supreme Court
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चुनावों में मुफ्त योजनाओं पर सरकार से लेकर चुनाव आयोग की क्या है राय
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चुनावों में मुफ्त योजनाओं पर सरकार से लेकर चुनाव आयोग की क्या है राय, आज सुप्रीम कोर्ट में सौपेंगे सुझाव