Jammu Kashmir Politics: जम्मू कश्मीर में एक संगठन के तौर पर जमात ए इस्लामी को बैन किया जा चुका है. अब इसको लेकर नए अपडेट्स आ रहे हैं. इस संगठन से जुड़े लोगों ने एक नए सियासी फ्रंट बनाने का निर्णय लिया है. इन लोगों ने अपनी पार्टी का नाम जम्मू कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट (JKDF) रखा है. इसको लेकर उन्होंने एक समिट का एलान किया था, जहां पर ये घोषणा की गई है. ये समिट कुलगाम जिले में बुलाई गई थी. आपको बताते चलें कि ये इलाका जमात का एक ताकतवर केंद्र समझा जाता है. इस नए दल के अधिकतर नेताओं का ताल्लुक जमात ए इस्लामी से है. इसका मुख्य लक्ष्य चुनावी सियासत में भाग लेना है. इस दल के सदस्यों की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा जा चुका है. इस पत्र में अपने दल को ऑफिशियली मान्यता और इलेक्शन सिंबल की भी मांग की गई है.
पार्टी अध्यक्ष शमीम अहमद ने रखी अपनी बात
शमीम अहमद इस दल के अध्यक्ष हैं. ये दल जमात का एक नया वर्जन है. खुद इसके अध्यक्ष शमीम अहमद ने इस बात की तश्दीक दी. उन्होंने कहा कि 'जमात को बैन कियाजा चुका है, ऐसे में हम इस नए दल के नाम पर अपना कार्य करेंगे. साथ ही उन्होंने अपने दल को लेकर उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने कहा कि उनका दल पारदर्शी शासन मॉडल पेश करेगा. ये खाली प्रोमिश और दावे नहीं करेगा, बल्कि उसपर कार्य भी करेगा.' आगे उन्होंने बताया कि उनका दल प्रदेश की सरकार और सीएम का भी जनसरोकार वाले निर्णयों में साथ देगा. आपको बताते चलें कि जम्मू कश्मीर में इस समय नेशनल कॉन्फ्रेंस की हुकूमत है, और उमर अबदुल्लाह प्रदेश के सीएम हैं.
चुनावी सियासत में उतरने का मास्टर प्लान
जम्मू कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट के दूसरे बड़े नेता सईर रेशी की ओर से भी पार्टी की चुनावी राजनीति में उतरने के प्लान को लेकर बातें कही गईं. उन्होंने कहा कि 'हमारा मुख्य फोकस इंसाफ और विकास आधारिक सियासत करने का होगा. साथ ही इसको लेकर एक ताकतवर स्ट्रक्चर तैयार करना है.' दल के नेताओं ने बताया कि इसके गठन के बाद वे आगामी स्थानीय निकाय और पंचायती चुनावों में शरीक होंगे. एक मजबूत विकल्प पेश करेंगे.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

अपनी रीब्रांडिंग कर रहा प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी, जानें चुनावी राजनीति उतरने का क्या है इसका मास्टर प्लान