अमेठी लोकसभा सीट राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण सीट है. इसकी पहचान गांधी परिवार की कर्मभूमि के रूप में रही है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यहां का प्रतिनिधित्व किया है. उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी, राजीव गांधी और उनकी पत्नी सोनिया गांधी के पास इस जिले की कमान रही. राहुल गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट पर 2004, 2009 और 2014 में जीत हासिल की थी.
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लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का यह गढ़ उसके हाथ से फिसल गया. भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने अमेठी लोकसभा सीट पर बीजेपी का परचम लहरा दिया. उन्हें अमेठी संसदीय क्षेत्र के 468514 वोटरों का साथ मिला. स्मृति के निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे कांग्रेस के राहुल गांधी. जिस क्षेत्र की कमान राहुल के पास 15 वर्षों से थी, उस क्षेत्र के 413394 वोटरों ने उन पर भरोसा जताया. इस तरह राहुल और स्मृति के बीच हार-जीत का अंतर 55120 वोटों का रहा.
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बता दें कि अमेठी संसदीय क्षेत्र में कुल 5 विधानसभाएं शामिल हैं. ये हैं - तिलोई, सैलून, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी. 2019 में यहां कुल वोटर 1743515 थे. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 818812 थी जबकि पुरुष वोटर 924563 थे. इस संसदीय क्षेत्र में दलित और मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा है, नतीजतन उनके वोट निर्णायक भूमिका में रहते हैं. बताया जाता है कि यहां तकरीबन 4 लाख वोटर पासी समुदाय के हैं. इसी तरह मुस्लिम समुदाय के वोटर भी 3.5 लाख के आसपास हैं.
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Lok Sabha Elections 2024: जानें Amethi संसदीय सीट में वोटरों की स्थिति