पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आया. इससे पहले यह सीट मोतिहारी लोकसभा सीट के नाम से जानी जाती थी. इस सीट से भाजपा क राधामोहन सिंह 6 दफे जीत चुके हैं. 1989, 1996, 1999 के बाद 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीतते रहे. जाहिर है पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र भाजपा का गढ़ है. हालांकि यहां कांग्रेस, कम्युनिस्ट और राजद भी सक्रिय हैं. 2024 के चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद राधा मोहन सिंह पर भरोसा जताया है जबकि वंचित समाज इंसाफ पार्टी (बीवीएसपी) ने डॉ. राजेश कुमार पर दांव खेला है. इस सीट के लिए 25 मई को मतदान होना है.
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2019 के आम चुनाव में पूर्वी चंपारण लोकसभा सीट पर बीजेपी के राधा मोहन सिंह की जीत हुई थी. उन्हें कुल 577787 वोट मिले थे. राधा मोहन सिंह के निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के आकाश कुमार सिंह रहे थे, जिन्हें कुल 284139 वोट मिले थे. इस तरह बीजेपी के राधा मोहन सिंह इस चुनाव में 293648 वोटों के अंतर से जीत गए थे. 2019 के चुनाव में पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र में कुल 1658672 मतदाता थे. इसमें महिला मतदाताओं की कुल संख्या 774725 थी, जबकि पुरुष मतदाता 883921 थे.
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आजादी के बाद इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. यहां से कांग्रेस के विभूति मिश्रा 5 बार विजयी रहे बैं. लेकिन इमरजेंसी के बाद हुए 1977 के चुनाव में यहां का गणित बदला और यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकलती गई. फिलहाल बिहार की पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - हरसिद्धी, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी.
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