डीएनए हिंदी: आर्थराइटिस या गठिया तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है. यह चलना फिरना तो दूर उठना बैठना तक मुश्किल कर देती है. इस बीमारी में हड्डियां अंदर से खोखली और कमजोर पड़ जाती हैं. यह बीमारी पहले समय के साथ बुजुर्ग लोगों को अपना शिकार बनाती थी, लेकिन आज के बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से युवा भी आर्थराइटिस जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी से लोगों को बचाने और जागरूक करने के लिए ही 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे मनाया जाता है. इस दिन लोगों को आर्थराइटिस जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षणों से लेकर इसके शरीर में घर की करने की वजह और खतरनाक स्थिति को लेकर बताया जाता है. इस बीमारी को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए आर्थराइटिस डे खास रूप से मनाया जाता है.
आर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या बढ़ जाती है. यह उम्र के साथ शरीर में और तेजी से घर कर लेती हैं. ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड आर्थराइटिस, गठिया के सबसे आम प्रकार हैं. हालांकि इसकी सही जानकारी और लक्षणों की पहचानकर इस बीामरी से को बढ़ने से रोका जा सकता है. आइए जानते हैं. क्या है आर्थराइटिस, इसकी वजह लक्षण और बचाव
जानें क्या है आर्थराइटिस
दरअसल जब शरीर के किसी भी जोड़ में दर्द और सूजन होती है तो इसके पीछे की गठिया यानी आर्थराइटिस होती है. इसके शरीर में घर करने का सबसे बड़ा कारण हाई यूरिक एसिड है. यूरिक एसिड का सही लेवल शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन प्यूरीन की अधिक मात्रा से यूरिक एसिड का लेवल हाई हो जाता है, जो खून के साथ मिलकर हड्डियों के जोड़ों में जमकर क्रिस्टल्स बना देता है. इसकी वजह से ही गाउट यानी जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ती है. यह हड्डियों में गैप पैदा करने लगता है, जिसे जोड़ जाम तक हो सकते हैं. इसे व्यक्ति का उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है. हालांकि इसके पीछे की और भी वजह हो सकती हैं.
इस वजह से होता है आर्थराइटिस
आर्थराइटिस यानी गठिया के कई कारण हो सकते हैं. इसमें आनुवांशिक से लेकर प्रोटीन युक्त चीजों का अधिक सेवन है, जो व्यायाम या एक्सरसाइज न करने की वजह से प्यूरीन में बदल जाता है. प्यूरीन की अधिकता होने पर यह किडनी के फिल्टर को प्रभावित करता है. इसकी वजह से किडनी शरीर में बढ़ती प्यूरीन को फ्लश आउट नहीं कर पाती. ऐसे में प्यूरीन के टूटने पर यूरिक एसिड का लेवल हाई हो जाता है, जो जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी के जन्म का कारण बनता है. यह जोड़ों को जाम तक कर देता है. यह आर्थराइटिस के लक्षणों को ट्रिगर कर देता है.
आर्थराइटिस के लक्षण
गठिया की वजह से जोड़ों में दर्द, सूजन और लालिमा दिखने लगती है. इसे छूने पर भी गर्म महससू होता है. इसकी अधिकता इतनी खतरनाक होती है कि जोड़ों को हिलाने में भी दर्द होता है. यह विशेष रूप से घुटनों और उंगलियों को जाम कर देता है. इसकी वजह दर्द और सूजन बहुत अधिक बढ़ जाती है. यह आर्थराइटिस सबसे आम लक्षणों में से एक हैं. इन लक्षणों के दिखते ही टेस्ट करा लें. साथ ही इसे बचाव के लिए एहतियात बरतना शुरू कर दें.
आर्थराइटिस से ऐसे किया जा सकता है बचाव
वैसे तो आर्थराइटिस का कोई सीधा इलाज नहीं है. इसे दवा, थेरेपी, व्यायाम और वर्कआउट से कंट्रेाल किया जा सकता है. फिजिकली एक्टिव होने पर आर्थराइटिस का खतरा तो कम होता ही है. इसके होने पर भी लक्षण धीरे धीरे खत्म हो जाते हैं. इसके लिए खाने में सुधार दिनचर्या को सही करना बेहद जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर कुछ लोगों को जिंदगी भर इस समस्या से जूझना पड़ता है. इतना ही नहीं शरीर का वजन बढ़ने से यह समस्या और भी बढ़ जाती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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तेजी से बढ़ रही आर्थराइटिस , जानें क्यों होती है ये समस्या, इसके लक्षण और बचाव