रंगों के पर्व होली (Holi) का इंतजार लोगों को बेसब्री से है, इस बार ये खास त्योहार 14 मार्च को (Holi Date 2025) मनाया जाएगा. हालांकि, कई जगहों पर होली 15 मार्च को भी मनाई जाएगी. होली के त्योहार में रंगों का खास (Organic Holi Colors) महत्व है, इस दिन लोग अलग-अलग रंग का अबीर-गुलाल लगाकर होली मनाते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं यही अलग-अलग तरह के रंग कई तरह की गंभीर बीमारियों को भी दूर करने में मदद करते हैं.
जी हां, होली के रंगों से खेलना सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. यह कलर थेरेपी (Color Therapy) का एक रूप है, जिसका मूड और ऊर्जा के स्तर पर गहरा असर पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होली में रंगों से खेलने से मन (Color Therapy Benefits) में खुशी, ऊर्जा और आशावाद की भावना पैदा होती है.
कलर थेरेपी क्या है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक होली में रंगों का उपयोग करने से हमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक लाभ मिल सकते हैं. कलर थेरेपी, जिसे क्रोमोथेरेपी (Chromotherapy) भी कहा जाता है, रंगों के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने की एक विधि है. बता दें कि इसे इस थेरेपी में हर रंग का खास महत्व होता है और रंगों और रोशनी का उपयोग करके स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद मिलती है.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कलर थेरेपी में रंगों के जरिए शरीर के कई तत्वों को बैलेंस करने की कोशिश की जाती है. दरअसल जब हम किसी रंग को देखते हैं, तो इससे हमारा मस्तिष्क उस रंग की तरंगों को ग्रहण करता है, जिसके अनुरूप हमारी भावनाएं व शरीर प्रतिक्रिया देती है.
समझें रंगों का महत्व
लाल रंग: लाल रंग ऊर्जा और आत्मविश्वास का रंग है, जो जोश और साहस बढ़ाने में मदद करता है. इससे रक्त संचार, थकान की समस्या दूर हो सकती है. हालांकि अत्यधिक लाल रंग गुस्से और आक्रामकता को भी बढ़ा सकता है, इसलिए संतुलित उपयोग करें.
पीला रंग: वहीं पीला रंग सकारात्मकता और बुद्धिमता का रंग है, जो खुशी, आत्मनिर्भता और रचनात्मकता को बढ़ाने में मदद करता है. यह रंग पाचन तंत्र और एकाग्रता में सुधार लाता है. साथ ही यह मानसिक अवसाद और तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है.
हरा रंग: हरे रंग से आंतरिक शांति और संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है और यह दिल और फेफड़ों की कार्यप्रणाली को मजबूत बना सकता है. इसके अलावा प्रकृति से जुड़ा ये रंग तनाव को कम करने में मददगार माना जाता है.
नीला रंग: इसके अलावा नीला ठंडक और सुकून का रंग है और यह नींद की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है. तनाव दूर करने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में भी नीला रंग मददगार माना जाता है.
कलर थेरेपी कैसे अपनाएं?
होली में Organic Holi Colors से होली खेलने के अलावा कई तरीकों से कलर थेरेपी को अपनाया जा सकता है, इसके लिए घर या दफ्तर की दीवारों पर मन को शांत करने वाले रंगों का उपयोग करें और रंगों से भरपूर पेटिंग्स सजाएं और उन्हें देखें. इसके अलावा आप चाहें तो कपड़े और एक्सेसरीज में अपनी मनोदशा के अनुसार रंगों को शामिल कर सकते हैं. साथ ही रंगीन लाइटिंग और डेकोरेशन कर सकते हैं, रोजाना ध्यान या योग के दौरान उपयुक्त रंगों का ध्यान भी कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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Color Therapy Or Chromotherapy
Holi 2025: क्या है Color Therapy? जानें कैसे होली के रंगों से दूर हो सकती हैं बीमारियां