आजकल कई महिलाएं इरेगुलर मेंस्ट्रुअल साइकिल यानी अनियमित पीरियड्स से परेशान रहती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एवरेज मेंस्ट्रुअल सायकल 28 (Women's Health) दिनों का माना जाता है. लेकिन, कई बार कुछ महिलाओं को इतने ही समय में दो बार पीरियड आ जाते हैं. ऐसे में अगर आपको भी 15 दिनों में पीरियड्स आते (Period 2 Times A Month) हैं तो यह चिंता का विषय हो सकता है और इस समस्या को भूलकर भी अनदेखा (Menstrual Problem) नहीं करना चाहिए, यह कई तरह की गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करता है. 15-15 दिन में पीरियड्स आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में पीरियड्स में आकस्मिक बदलाव का अनुभव होते ही अपनी डॉक्टर या गाइनोलॉजिस्ट (Periods Cycle) से संपर्क करें.
स्ट्रेस या फिर कमजोरी
बता दें कि तनाव या कमजोरी का सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है, बता दें कि स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने पर पीरियड्स बहुत लंबे या छोटे हो सकते हैं. इतना ही नहीं, इसके कारण महीने में दो बार भी पीरियड्स आने की भी प्रॉब्लम हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हाई स्ट्रेस लेवल इररेगुलर पीरियड्स से सीधे तौर पर जुड़ा है और स्ट्रेस में रहने की वजह से हैवी ब्लीडिंग होने से लेकर पीरियड्स मिस भी हो सकते हैं.
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वजन बढ़ने या घटने के कारण
इसके अलावा अचानक से वजन बढ़ने या घटने पर भी इररेगुलर पीरियड्स की प्रॉब्लम हो सकती है, दरअसल इस दौरान हार्मोन्स में कई तरह के बदलाव आते हैं, इस कारण महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं.
थायरॉइड के कारण
वहीं थायरॉइड के कारण भी पीरियड्स अनियमित रहते हैं. दरअसल प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन ये दो हार्मोन मेंस्ट्रुअल सायकल को कंट्रोल करते हैं और इन हार्मोन्स का प्रोडक्शन थायरॉइड ग्रंथि से होता है, ऐसे में थायरॉइड की समस्या होने पर ये साइकिल बिगड़ जाता है. ज्यादातर मामलों में हाइपरथायरॉइडिज्म मासिक चक्र में देरी का कारण बनता है, जबकि हाइपोथायरॉइडिज्म के कारण मासिक चक्र के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है. इसके कारण पीरियड्स एक की जगह दो बार आ सकता है.
वजाइनल इंफेक्शन
इसके अलावा कई मामलों में महीने में दो बार पीरियड्स आने की वजह वजाइनल इंफेक्शन भी हो सकता है. दरअसल वजाइना में सूजन, रूखापन, हमेशा गीलापन रहने से भी पीरियड्स के समय बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है या फिर इसके कारण महीने में दो बार पीरियड्स भी हो सकते हैं.
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ये भी हो सकते हैं कारण
- गर्भाशय में छोटी गांठ यानी फॉलिक के कारण
- गर्भाशय में फाइब्रॉएड होने के कारण
- ओवरी में कोई सिस्ट या गांठ के कारण
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के कारण
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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कहीं आपको महीने में दो बार तो नहीं आते पीरियड्स? हल्के में न लें, हो सकती हैं ये बीमारियां