हर्निया एक ऐसा रोग है जो आमतौर पर पेट के निचले भागों में होता है. बता दें कि हर्निया कई तरह की होती है और इसके लक्षण भी अलग-अलग होते हैं. चिंता की बात यह है कि हर्निया को लेकर लोगों में बहुत कम जागरूकता होती है, इतना ही नहीं कई लोगों को पता नहीं होता है कि हर्निया होता क्या है, यही वजह है कि ज्यादातर लोग इसके शुरूआती लक्षणों को भांप (Hernia Symptoms) नहीं पाते, जिसके कारण ये समस्या (Hernia) आगे चलकर और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है. अगर आप भी इस बीमारी से अंजान हैं तो इस लेख को अंत (Hernia Causes) तक जरूर पढ़ें. तो आइए जानते क्या है हर्निया और इसके लक्षण व बचाव के उपाय क्या हैं...
क्या है हर्निया की बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बीमारी के कारण पेट की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और इसी कमजोरी की वजह से आंतें बाहर निकल आती हैं. बता दें कि यह पुरुषों के कमर वाले हिस्से में ज्यादा होता है और इससे रक्त प्रवाह ब्लॉक हो जाता है, जिससे अन्य कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
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5 तरह का होता है हर्निया
स्पोर्ट्स हर्निया : बता दें कि स्पोर्ट्स हर्निया पेट के निचले भाग और जांघ के बीच में होता है.
अंबिलिकल हर्निया : यह छोटे बच्चों में होता है और जो बच्चे 6 महीने से छोटे होते हैं, उनमें इस प्रकार के हर्निया की समस्या ज्यादा होती है.
इंसिजनल हर्निया : इसके अलावा पेट की सर्जरी होने के बाद उस व्यक्ति में इस प्रकार के हर्निया होने की आशंका ज्यादा होती है.
हायटल हर्निया : यह पेट के भाग में डायाफ्राम के माध्यम से छाती तक पहुंच जाता है और यह हर्निया पेट की मांसपेशियों पर बुरा प्रभाव डालती है.
इनगुइनल हर्निया : वहीं इनगुइनल हर्निया तब होता है जब पेट के निचले हिस्से की परत में छेद या उसके एक कमजोर हिस्से से आंत उभर आती है.
जानें क्या हैं हर्निया के लक्षण
पेट की चर्बी का बाहर निकलना
पेशाब करने में कठिनाई होना
पेट के निचले हिस्से में सूजन होना
लंबे समय तक खड़े होने में समस्या होना
प्रभावित हिस्से में दर्द या छूने पर दर्द होना
त्वचा के अंदरूनी भाग पर फूला हुआ महसूस होना
शरीर में भारीपन लगना
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हर्निया का उपचार क्या है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर्निया का उपचार सर्जरी के माध्यम से किया जाता है. इसके लिए दो तरह की सर्जरी होती है- पहली ओपन सर्जरी, दूसरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी. बता दें कि ओपन सर्जरी में मरीज को 6 महीने का आराम करने के लिए कहा जाता है और इसमें व्यक्ति 6 महीने तक कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं कर सकता. इसके अलावा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में जनरल एनेस्थीसिया देकर लोकल सर्जरी की जाती है. बता दें कि इसमें छोटा सा चीरा लगाया जाता है. दिल के मरीजों को चिकित्सक लोकल सर्जरी की सलाह देते हैं.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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क्या है हर्निया? पेट में दर्द-सूजन बन सकता है इस बड़ी बीमारी का कारण, जानें लक्षण और इलाज