डीएनए हिंदीः टाइप-2 डायबिटीज में इंसुलिन की निष्क्रियता ही ब्लड में शगुर को बढ़ाती है लेकिन आज आपको एक ऐसे टेस्टी मसाले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप खाते तो होंगे लेकिन इसके जादुई असर के बारे में नहीं जानते होंगे. ये मसाला एक प्रकार का बीज है और इसे आप तड़के में यूज करते हैं, लेकिन जब आप इसे दवा की तरह फांकना शुरू करेंगे तो ये आपके शुगर को ही नहीं, हाई कोलेस्ट्रॉल और वेट को भी कम करने लगेगा.
ये बीज है जीरा. जीरा के सूखे बीज पेट की समस्याओं से लड़ने, पाचन तंत्र को शांत करने, मितली, सूजन और कब्ज से राहत देने के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये कई गंभीर बीमारियों में भी दवा का काम करते है. जीरे के बीज में कुछ यौगिकों जैसे एल्डिहाइड और थाइमोक्विनोन से भरा होता है और यही एक सक्रिय रासायनिक घटक है जो अग्न्याशय की बी-कोशिकाओं की रक्षा करता है, इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है.
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कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि जीरा टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में तेजी से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. यह जीरा में कुछ यौगिकों की उपस्थिति के कारण हो सकता है, जैसे कि जीरा एल्डिहाइड, जो मधुमेह को कम करता है. जीरा की रक्त शर्करा कम करने की क्षमता को थाइमोक्विनोन की उपस्थिति के कारण होता है और ये एक सक्रिय रासायनिक घटक जो अग्न्याशय की बी-कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है. यह शरीर में इंसुलिन उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद मिल सकती है.
जीरा के बीज का काढ़ा या इसे भूनकर पाउडर के रूप में खाने से रक्त शर्करा के प्रबंधन में मदद मिल ती है. यह न केवल रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है बल्कि स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में भी मदद करता है. यह एलडीएल (कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन) और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. जीरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं, जैसे हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं. ये एंटीऑक्सिडेंट का भी एक अच्छा स्रोत हैं, जो कोशिका क्षति से बचाने में मदद कर सकते हैं और मधुमेह वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकते हैं, जिन्हें ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा बढ़ जाता है.
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1998 में स्ट्रेप्टोज़ोटोकिन-प्रेरित डायबिटिक चूहों को जीरा पाउडर आठ सप्ताह तक दिया गया और उनमें हाइपरग्लाइसेमिया में कमी से संकेत मिले थे. इसके साथ ही डायबिटिक पशुओं के शरीर के वजन में भी सुधार हुआ. डायटरी जीरे ने अन्य मेटाबोलिक परिवर्तनों का मुकाबला किया जैसा कि डायबिटिक जानवरों द्वारा ब्लड यूरिया के स्तर को कम करने और यूरिया और क्रिएटिनिन के उत्सर्जन को कम करने से पता चलता है.
2011 में किए गए एक अध्ययन में निगेला सैटिवा (काला जीरा/कलोंजी) के बीजों में एंटी-डायबिटिक गुण पाए गए थे. थाइमोक्विनोन (टीक्यू), एक वाष्पशील तेल, इसके सक्रिय घटकों में से एक है, लेकिन इसके जलीय गुणों से एंटीडायबिटिक गतिविधि भी दिखाई गई है.
अध्ययन में पाया गया कि मधुमेह रोगियों और ग्लूकोज असहिष्णुता वाले लोगों में सैटिवा फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह भूख को कम करता है, आंत में ग्लूकोज का अवशोषण, लिवर ग्लूकोनोजेनेसिस, रक्त शर्करा का स्तर, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, शरीर का वजन और अग्न्याशय में बीटा-कोशिकाओं से इंसुलिन के ग्लूकोज प्रेरित स्राव को अनुकरण करता है.
साथ ही ये ग्लूकोज सहिष्णुता में सुधार करता है. स्ट्रेप्टोज़ोटोकिन (STZ) प्रेरित डायबिटिक चूहों में यह अग्नाशयी बीटा-कोशिकाओं के क्रमिक आंशिक पुनर्जनन का कारण बनता है, कम सीरम इंसुलिन सांद्रता को बढ़ाता है और उन्नत सीरम ग्लूकोज को कम करता है.
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एक अन्य अध्ययन में, जो 'न्यूट्रिशन एंड मेटाबोलिज्म' में प्रकाशित हुआ था, जीरे ने न केवल रक्त शर्करा के स्तर को कम किया बल्कि लोगों को स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद की, जो मधुमेह के संभावित कारणों में से एक है.
2018 के एक अध्ययन में, मधुमेह के रोगियों में हृदय रोगों और दिल की विफलता के जोखिम कारकों में से एक के रूप में प्लाज्मा लिपिड प्रोफाइल के सुधार में जीरे के कच्चे इथेनॉल के अर्क को बहुत मददगार पाया गया था.
जीरे को अपने आहार में शामिल करने के कई तरीके हैं.
1. अतिरिक्त स्वाद और पोषण के लिए भुनी हुई सब्जियों या ग्रिल्ड मीट पर जीरा छिड़कें.
2. सूप, स्टॉज और अन्य व्यंजनों के लिए घर में बने मसाले के मिश्रण में जीरा का उपयोग करें.
3. एक कप पानी में एक चम्मच जीरे को 5-10 मिनट तक उबाल कर जीरे की चाय बनाएं.
4. पीसा हुआ जीरा सलाद ड्रेसिंग, डिप या सॉस में मिलाएं.
5. स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए दाल या बीन के व्यंजनों में जीरा डालें.
6. आप अपने खाने में भुने हुए जीरे के बीजों को शामिल कर सकते हैं या इसे पीसकर पाउडर बना सकते हैं और इसे सलाद, दही, छाछ और कटे फलों पर छिड़क सकते हैं.
7. प्रतिदिन भोजन के बाद 1 चम्मच भुना हुआ जीरा आसानी से चबा सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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