डीएनए हिंदीः डायबिटीज में हाई प्रोटीन के साथ हाई फाइबर डाइट लेने की सलाह दी जाती हैं. क्योंकि हाई प्रोटीन न केवल डैमेज टिशूज को रिकवर करता है बल्कि शुगर हाई होने से बार-बार लगने वाली भूख को भी कंट्रोल करता है. वहीं हाई रफेज डाइट खाने को लंबे समय तक पेट में रोक कर रखती है जिससे शुगर का लेवल ब्लड में तुरंत हाई नहीं होता है. लेकिन बहुत गाय का दूध या पनीर भी कई बार डायबिटीज में लेना नुकसान करता है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें प्रोटीन के साथ कार्ब्स भी ज्यादा होता है लेकिन कैमल मिल्क इस मामले में बेस्ट है. ऊंटनी के दूध में एंटीऑक्सिडेंट इम्युनोग्लोबुलिन और लैक्टोफेरिन होता है जो न केवल संक्रामक और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए हमारे इम्युन सिस्टम को मजबूत करता है, बल्कि ये शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है.
क्यों है उंटनी का दूध शुगर में फायदेमंद
हालांकी आपको बता दें कि गाय के दूध की तुलना में ऊंटनी का दूध सिर्फ एक मामले में ज्यादा बेहतर होता है. जबकि गाय और उंटनी के दूध का पोषण मूल्य काफी समान है, बस
एक अंतर यह है कि ऊंटनी के दूध में कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है और ये शुगर को बढ़ने से रोकता है. इसमें "कम मात्रा में लैक्टोज भी होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है. ऐसे में टाइप 1 और 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए ऊंटनी के दूध का सेवन करना अधिक फायदेमंद होता है. कई शोध बताते हैं कि प्रति दिन लगभग 500 मिलीलीटर ऊंटनी के दूध पीना शुगर को कंट्रोल रखता है.
क्यों पीना चाहिए ये दूध कच्चा
इसे कच्चा खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि उबालने से इस दूध की गुणवत्ता कम हो सकती है और इस दूध का पास्चुरीकरण संभव नहीं है. हालांकि, इसका सेवन किसी भी रूप में किया जा सकता है जैसे पनीर, चीज या दही आदि.
इंसुलिन की तरह काम करता है ये केमल मिल्क
4 कप ऊंटनी का दूध, 52 यूनिट इंसुलिन प्रदान करने के बराबर है. तो अगर डायबिटीज रोगी आहार नियंत्रण और एक्सरसाइज के साथ इस दूध को कच्चा पीना शुरू कर दें तो आपका शुगर लेवल काबू में आ सकता है.
इन लोगों को उंटनी का दूध पीने से बचना चाहिए
ऊंटनी के दूध का कच्चा पिया जाता है इसलिए इससे इंफेक्शन का डर भी हो सकता है. इसलिए जिनकी पाचन क्षमता कमजोर हो या पेट की बीमारी से ग्रस्त रहते हों उन्हे इसे पीने से बचना चाहिए. साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बच्चे, वृद्ध वयस्क और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को कच्चा दूध लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
इस दूध में बहुत कम लैक्टोज होता है इस लिए जो लोग खून पतला करने की दवा ले रहे हैं, उन्हें इस दूध का सेवन करने से पहले अपने स्वास्थ्य चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन K बहुत होता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
डायबिटीज में रोज कच्चा पीएं कैमल मिल्क, एक्टिवेट होगा इंसुलिन और घटेगी शुगर