डीएनए हिंदी : हर उम्र के लिए ब्लड शुगर लेवल का मानक अलग-अलग होता है. यह बात अमेरिकन डायबीटीज असोसिएशन (ADA) स्टडी में निकलकर आई है. स्टडी का यह भी कहना है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे  शरीर के शुगर लेवल का मानक भी बदलता जाता है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की मानें तो 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए शुगर लेवल के पैरामीटर्स अलग होना चाहिए जबकि 60 साल से नीचे वालों का अलग. ADA के अनुसार बढ़ती उम्र में शुगर बढ़ने की वजह से किसी भी नई परेशानी का खतरा कम होता है.

क्या कहते हैं भारतीय डॉक्टर 
डायबिटीज (Diabetes) एक्सपर्ट्स डॉक्टर अशोक कुमार झिंगन के अनुसार शुगर कंट्रोल के लिए दी जाने वाली दवा से कई बार उनका शुगर इतना कम हो जाता है कि वह सीनियर सिटीजन्स के लिए खतरनाक बन जाता है. ऐसे लोग जो अकेले रहते हैं उनके बाथरूम में गिरने, चोट लगने और बेहोश होने का खतरा रहता है. इसलिए इस उम्र के लिए शुगर लेवल खाने से पहले 120 से 130 तक और खाने के बाद 180 तक सामान्य बताया गया है.

उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल्स ?
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर असंतुलित होने के कई कारण होते हैं. कई मामलों में खाली पेट रहने की वजह से भी ब्लड शुगर लेवल घट या बढ़ सकता है. इसके अलावा आपका खानपान और आपकी जीवनशैली पर भी ये निर्भर करता है. एक्सपर्ट के मुताबिक ब्लड शुगर चेक करने का सबसे सही समय होता है जब व्यक्ति ने लगभग 8 घंटे से अधिक समय से कुछ ना खाया हो. इसलिए सुबह के समय खाली पेट होने पर ब्लड शुगर चेक करना अच्छा माना जाता है. शरीर में नॉर्मल ब्लड शुगर की मात्रा 90 से 100 mg/dl के बीच होती है लेकिन जब आप कुछ खा चुके होते हैं तो इसका स्तर बढ़कर 140 mg/dl हो सकता है. ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर शरीर में डायबिटीज की समस्या हो जाती है. लेकिन हर व्यक्ति में उम्र और स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति के कारण ब्लड शुगर का स्तर घट या बढ़ सकता है. बिना डायबिटीज व शुगर वाले लोगों के शरीर में शुगर का लेवल सुबह खाली पेट - 100 mg/dl से कम खाने के 2 घंटे के बाद - 140 mg/dl होना चाहिए.

किन कारणों से बढ़ता और घटता है शुगर लेवल
डायबिटीज (Diabetes) एक्सपर्ट डॉक्टर अशोक कुमार झिंगन के अनुसार आज के समय में खानपान में बदलाव, बदलता हुआ लाइफस्टाइल, डिप्रेशन, अकेलापन, hypertension जैसी समस्याओं के चलते बढ़ती उम्र के कारण ज़्यादातर लोग 60 की उम्र पार करने से बहुत पहले ही तरह-तरह की खतरनाक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. उन्ही बीमारियों में से एक बीमारी है डायबिटीज. जो आजकल तेजी से बढ़ रही है. डायबिटीज के पेशेंट्स के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल असंतुलित हो जाता है. शुगर या डायबिटीज की बीमारी बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी लेकिन आज के समय में यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है. वहीं शुगर बढ़ने की वजह से किसी नई परेशानी का खतरा कम होता है.

डायबिटीज (Diabetes) एक्सपर्ट डॉक्टर अशोक कुमार झिंगन का ये भी मानना है की इस बीमारी के शुगर इतना कम हो जाता है की कई मरीज़ों को स्वास्थ्य संबंधी बहुत ज्यादा दिक्कत पैदा होने लगती है। जैसे थकान, चक्कर आना, चिढ़चिढ़ापन, ज़्यादा पसीना आना आदि. बढ़ती उम्र के साथ-साथ डायबिटीज आज कल कॉमन हो गया है पर भारत सहित दुनिया के ज़्यादातर देशों में आज कल प्री-डायबिटीक के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. 

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क्या है PRE-DIABETIC?
डायबिटीज (Diabetes) एक्सपर्ट के अनुसार ये वो स्टेज है, जिसमें कुछ समय पहले ही डायबिटीज के शुरूआती लक्षण दिखे हों और जिनकी उम्र 60 साल से कम है. ये वो लोग होते हैं जो स्वस्थ होते हैं. जिन्हें कोई बीमारी नहीं होती है. हालांकि इनका शुगर लेवल कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी होता है क्योंकि अगर इनका शुगर लेवल बढ़ा रहेगा तो किडनी, हार्ट ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है. वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार इन उम्र के लोगों के लिए बिना खाए शुगर लेवल 100 के आसपास होनी चाहिए और खाने के बाद 140 से नीचे होनी चाहिए. इनका 3 महीने का औसत शुगर लेवल यानी एचबीए1सी 7% से नीचे होना चाहिए. जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है अब उन्हें कोई नई बीमारी का उतना खतरा नहीं होता है. इसलिए इनका मानक बढ़ाया जा सकता है.

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Not every age has the same blood sugar level says study
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Diabetes: हर उम्र के लिए एक नहीं होता है ब्लड शुगर का स्टैंडर्ड
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Hindi
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