डीएनए हिंदी : Long Covid risk for Suicidal tendency- लंबे समय तक कोविड (Covid 19) से लड़ने के बाद पीड़ित के अंदर जीने की इच्छा खत्म सी हो जाती है, उसका शरीर और मन दोनों ही पीड़ित हो जाता है और वो जीवन को खत्म करने का प्रयास करने लगता है. ऐसा वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी के दौरान नोटिस किया है. वैज्ञानिकों का यह चौंकाने वाला दावा काफी चिंताजनक है. लंबे समय तक कोविड से पीड़ित होने के बाद आत्महत्या (Long Covid risks suicide) की ओर अग्रसर होने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
56 साल के व्यक्ति को साल 2020 में कोविड हुआ था, उसके बाद 18 महीने इसे झेलने के बावजूद व्यक्ति ठीक नहीं हो पाया, उसने अपना सब कुछ खो दिया, शरीर, पैसे, याद्दाश्त, उसके मुताबिक आज उसके हालात ऐसे हैं कि वो बस कपड़े धोने के काम के ही लायक रह गया है. उसने अपने दर्द को बयां करते हुए अपने दोस्त को एक खत लिखा है. उसने लंबे समय तक कोविड रहने के नुकसान बताए, कैसे शरीर अंदर से टूट जाता है, मन की शक्ति खत्म हो जाती है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक इस बारे में किसी के पास अब तक कोई आधिकारिक डेटा नहीं है लेकिन इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि लंबे समय तक कोविड चलने से शरीर के अंदर कई बदलाव दिखते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड ब्रिटेन (National Institute of health and britain) की डेटा कलेक्शन एजेंसी ने इस बात पर रिसर्च किया है कि जिन्हें लंबे समय तक कोविड रह जाता है उनके अंदर आत्महत्या, (Suicide and Depression) अवसाद के ज्यादा खयाल चलते हैं.
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वैज्ञानिकों ने कहा कि लंबे समय तक कोविड होने से इसका असर सीधा दिमाग पर पड़ता है और व्यक्ति अपनी सूझबूझ खोने लगता है. एजेंसी ने बताया कि विश्व भर में कम से कम 15 करोड़ लोगों को पहले दो साल की महामारी में लॉन्ग कोविड हुआ था, जिसका असर वे आज भी झेल रहे हैं.
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