आयुर्वेद में फल-फूल, पेड़-पौधे, पत्तियों और जड़ों का इस्तेमाल कई तरह की गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है, इन चीजों को मदद से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिलती है. इसमें खसखस के (Poppy Seeds) बीज और इसके जड़ भी शामिल है, जो कई औषधीय (Poppy Roots) गुणों से भरपूर होता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक खस की जड़ आपके पाचन, स्किन, और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है.

हालांकि इसके इस्तेमाल का सही (Poppy Roots Benefits) तरीका आपको मालूम होना चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं खसखस की जड़ क्या है, इसके क्या फायदे और नुकसान हैं और इसके इस्तेमाल का (khas khas Ki Jad) सही तरीका क्या है... 

क्या है खसखस? 

खसखस की जड़, जिसे उशीर (Vetiveria zizanoides) के नाम से भी जाना जाता है. एक तरह का औषधीय पौधा है और यह दलदल वाले स्थानों पर पाया जाता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसकी जड़ें ठंडक देने वाली होती हैं. इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. यह जड़ी बूटी अपने ठंडक देने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और इससे पित्त, बुखार और अन्य शारीरिक समस्याओं से राहत मिलती है. 

क्या हैं इसके फायदे? 

पाचन रखे दुरुस्त: खसखस की जड़ पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर करती है. यह पाचक गुणों से भरपूर होती है और खाने के बाद भोजन को पचाने में मदद करती है. 

ठंडक पहुंचाए: खसखस की जड़ में शीतल गुण होते हैं और इसे शरीर की गर्मी को शांत करने और पित्त को संतुलित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. 

वमन और दस्त को रोके: यह जड़ वमन यानी उल्टी और लूज मोशन से राहत दिलाने में भी कारगर है, खसखस का फांट (उबला पानी) पिलाने से उल्टी रुक सकती है और इससे दस्त की समस्या भी दूर हो सकती है. 

स्किन और जलन: खसखस की जड़ का लेप लगाने से स्किन से जुड़ी समस्याओं, जलन और पसीने की बदबू को कम करने में मदद मिल सकती है. ऐसे में यह स्किन को ठंडक देने और जलन से राहत दिलाता है. 

कफ और पित्त को करे असंतुलित: खसखस की जड़ पित्तशामक होती है, ऐसे में यह कफ के संतुलन को बनाए रखने का काम करती है और यह शरीर में एनर्जी को बनाए रखने में भी फायदेमंद होती है. 

क्या हैं इसके नुकसान? 

खसखस की जड़ के ज्यादा सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे एसिडिटी, ब्लोटिंग और पेट में दर्द हो सकता है, इससे कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है. ऐसे में इसके सेवन के बाद स्किन पर चकत्ते, खुजली या सूजन दिखाई दे, तो इसका उपयोग बंद करें. 

इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को खसखस की जड़ का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योंकि इसका असर भ्रूण के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. 

कैसे करें इसका इस्तेमाल?

खसखस की जड़ का इस्तेमाल कई तरीके से कि जा सकता है, इसका आप फांट यानी (पानी में उबाल कर) के रूप में भी कर सकते हैं. इसके लिए 5 ग्राम खसखस की जड़ को 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर उसका फांट बना सकते हैं. इसके अलावा खसखस की जड़ का इस्तेमाप आप अपनी स्किन पर लेप के रूप में कर सकते हैं. इसके अलावा खसखस की जड़ को धनिया के साथ मिलाकर भी किया जा सकता है. 

इसके अलावा खसखस की जड़ का उपयोग इत्र के रूप में भी किया जा सकता है. खासतौर से सिरदर्द और दिमाग को शांत करने के लिए खसखस के इत्र की दो बूंद का इस्तेमाल कर सकते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.) 

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किसी वरदान से कम नहीं 'खसखस की जड़', इन बीमारियों को रखता है दूर
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Khaskhas Ke Fayde: किसी वरदान से कम नहीं 'खसखस की जड़', इन बीमारियों को रखता है दूर, जानें इस्तेमाल का तरीका

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