व्यस्त जीवनशैली का प्रभाव दैनिक स्वास्थ्य पर तुरंत दिखाई देता है. आहार में लगातार बदलाव, अपर्याप्त नींद, जंक फूड का अत्यधिक सेवन, अनियमित समय पर भोजन करना आदि कई चीजें स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं. अक्सर शरीर के अंगों में अचानक झुनझुनी महसूस होती है. इसके अलावा, चुभन जैसी अनुभूति भी होने लगती है.
हालांकि, कुछ समय बाद मेरे हाथों और पैरों पर लगी चींटियाँ चली जाती हैं और कुछ घंटों के बाद, चींटियाँ मेरे हाथों और पैरों पर वापस आने लगती हैं. लेकिन अगर यह समस्या लगातार बनी रहे तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह से उचित उपचार लें. शरीर में कुछ समय के लिए दिखने वाले सामान्य लक्षण बाद में बड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
शरीर में नसें ब्लॉक होने के बाद शरीर में झुनझुनी होने लगती है. नसों में उत्पन्न होने वाली समस्याएं धीरे-धीरे शरीर में भी दिखाई देने लगती हैं. तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर शरीर में चीटियां क्यों आती हैं? खुजली किस बीमारी का लक्षण है? हम इस बारे में विस्तृत जानकारी देंगे. इसलिए अंगों सहित पूरे शरीर पर चींटियां दिखाई देने पर उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए तथा डॉक्टर की सलाह से उपचार कराना चाहिए.
तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याएं:
अंगों में बार-बार झुनझुनी होना तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों का एक प्रमुख और सामान्य लक्षण है. शरीर पर बार-बार चीटियां आने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह से इलाज कराना चाहिए. अंगों में झुनझुनी अक्सर नसों पर दबाव, शरीर में खराब रक्त आपूर्ति या तंत्रिका क्षति के कारण होती है. इसके अलावा डायबिटीज होने पर अगर ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाए तो शरीर में सूजन आने लगती है. रात को या दिन में सोने के बाद लंबे समय तक एक ही तकिये पर लेटे रहने से हाथ-पैरों में झुनझुनी हो सकती है. इससे तंत्रिकाओं पर दबाव पड़ता है.
गंभीर तंत्रिका संबंधी समस्याएं:
तंत्रिका संबंधी समस्याएं जैसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम आदि होने पर अंगों सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में झुनझुनी होने लगती है. तंत्रिका संबंधी रोगों से पीड़ित होने पर डॉक्टर से परामर्श लेकर उपचार करवाना चाहिए. अन्यथा, इस बात की संभावना है कि यह रोग और अधिक गंभीर हो जाएगा. शराब पीने और धूम्रपान करने से शरीर की रक्त आपूर्ति प्रभावित होती है. इसके अलावा, जब शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, तो हाथ-पैरों में झुनझुनी होने लगती है.
परिसंचरण अवरोध:
शरीर में रक्त की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने पर अंगों में झुनझुनी शुरू हो जाती है. खराब रक्त परिसंचरण के कारण अंग सुन्न हो जाते हैं. इसके अलावा, शरीर में रक्त के थक्के जमने या रक्त वाहिकाओं के संकुचित होने के बाद, नसों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल पाती है. इसके अलावा, शरीर में रक्तचाप प्रभावित होने से रक्त संचार भी बिगड़ जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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