रक्तचाप की समस्या शुरू होने से हृदय रोग का खतरा (Risk of Heart Disease ) बढ़ जाता है. इससे ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke), किडनी (Kidney) और आंखों को नुकसान (Eye Damage) का खतरा रहता है. इतना ही नहीं, इससे डायबिटीज (Diabetes) भी हो सकता है. अपने बीपी (BP) को सामान्य रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान (Focus Diet) देना जरूरी है. अगर किसी का बीपी अचानक बढ़ जाए (Suddenly BP Increases ) तो आप इन घरेलू उपायों (Home Remedy) से इसका इलाज कर सकते हैं.
सबसे पहले जान लें कि सामान्य से लेकर हाई ब्लड प्रेशर होता कितना है
नॉर्मल ब्लड प्रेशर:
सिस्टोलिक: 120 मिमी एचजी से कम
डायस्टोलिक: 80 मिमी एचजी से कम
हाई ब्लड प्रेशर:
सिस्टोलिक: 130 और 139 मिमी एचजी के बीच
डायस्टोलिक: 80 मिमी एचजी से कम
स्टेज 1 ब्लड प्रेशर:
सिस्टोलिक: 130 और 139 मिमी एचजी के बीच
डायस्टोलिक: 80 और 89 मिमी एचजी के बीच
स्टेज 2 ब्लड प्रेशर:
सिस्टोलिक: 140 मिमी एचजी से अधिक
डायस्टोलिक: 90 मिमी एचजी से अधिक
ब्लड प्रेशर का खतरनाक स्तर:
सिस्टोलिक: 180 मिमी एचजी से अधिक
डायस्टोलिक: 120 मिमी एचजी से अधिक
अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने पर दिखते हैं ये लक्षण
मतली या उल्टी: अचानक हाई ब्लड प्रेशर से मतली जैसा या उल्टी भी हो सकती है.
गंभीर सिरदर्द: अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है और कई बार रह- रहकर दर्द उभरता है और कुछ लोगों में लगातार सिर का दर्द रहता है.
तेज़ धड़कन की अनुभूति: कान और गर्दन में तेज़ धड़कन की अनुभूति रक्तचाप में अचानक वृद्धि का संकेत दे सकती है.
दृष्टि संबंधी समस्याएं: अचानक उच्च रक्तचाप आपकी दृश्य धारणा पर कहर बरपा सकता है. आपकी दृष्टि धुंधली हो जाती है, और आपको ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है.
थकान: अत्यधिक थकान, कमजोरी या ऊर्जा की कमी महसूस करना अचानक उच्च रक्तचाप का लक्षण हो सकता है.
सांस लेने में कठिनाई: सांस लेने में तकलीफ के साथ अगर घुटन महसूस हो तो ये हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है.
सीने में दर्द: सीने में असुविधा या सीने में दर्द होना भी हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है.
ब्रेन फॉग: अचानक हाई ब्लड प्रेशर से ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है और आपको कुछ पल के लिए लग सकता है आपका दिमाग काम करना बंद कर रहा है.
अत्यधिक पसीना आना: अत्यधिक पसीना आना, खासकर जब शारीरिक गतिविधि में शामिल न होना या गर्म वातावरण में होना, रक्तचाप में अचानक वृद्धि का लक्षण हो सकता है.
सूजन : पैरों, टखनों या पैरों में अचानक सूजन इस बात का संकेत हो सकती है कि आपका रक्तचाप नियंत्रण से बाहर है.
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के आयुर्वेदिक उपाय
- रोज अर्जुन की छाल का जूस पीएं या दालचीनी का काढ़ा पीएं.
- यदि पित्त बढ़ने से हाई बीपी रहता है तो पानी, तरबूज, कद्दू, लौकी का जूस अधिक पिएं.
- गुर्दे की बीमारी या बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन भी बीपी बढ़ा देता है ऐसे में गोखरू का पानी पिएं.
- नीम और पीपल के पत्तों का रस भी पिएं.
- थायराइड की समस्या से भी बीपी बढ़ता है तो धनिए के बीज का काढ़ा पीएं.
- मोटापा भी हाई बीपी का कारण बनता है. इसलिए वजन कम करने के लिए रात को सोने से पहले त्रिफला को पानी में भिगो दें. सुबह बासी मुंह इसे पी लें.
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपचार
नेचरोपैथी विशेषज्ञ प्रीतिका मजुमदार बताता हैं कि अगर आपका बीपी अचानक बढ़ जाए तो तुरंत डाउन करने के लिए आप अपने सिर पर ठंडे पानी या बर्फ के पानी में भीगा तौलिया रखें. इसके अलावा एक बाल्टी में गर्म पानी भरें और उसमें अपने पैर डुबोएं. एक सूती कपड़े में आइस पैक लपेटें और रीढ़ की हड्डी पर मसाज करें. इससे बढ़ा हुआ बीपी भी कम हो होने लग जाएगा, लेकिन इसी बीच डॉक्टर से भी इमरजेंसी मदद लें. ये उपाय केवल तब तक के लिए हैं जब तक आपको इमरजेंसी हेल्प नहीं मिल पाती है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
कितना भी हाई हो ब्लड प्रेशर इस 1 उपाय से तुरंत होगा डाउन, इन आयुर्वेदिक हर्ब्स से नॉर्मल होंगी संकुचित नसें