डीएनए हिंदीः हाल ही में जर्नल साइंस एडवांस में छपी एक स्टडी में चेतावनी दी है कि हर साल वायु प्रदूषण से 15 लाख लोगों की उम्र घट जाती है और वो मौत के शिकार हो रहे हैं.
World Health Organization कि रिपाेर्ट में पाया है कि पीएम 2.5 के नैनाें पार्टिकल अनुमान से बड़ा नुकसान पहुंचा रहा है. खराब हवा से मरने वाले लोगों की तादाद 42 लाख तक थी लेकिन अब 15 लाख लोग और जुड़ गए हैं. कुल मिलाकर वायु प्रदूषण हर साल 57 लाख लोगों की जान जा रही है.
रिसर्च में पाया गया कि पीएम 2.5 वाले धूल कण कम स्तर पर भी बड़ा नुकसान कर रहे हैं. इन कणों से कैंसर, दिल की बीमारियां और सांस की तकलीफों में काफी बढ़ोतरी हो रही है. कनाडा की McGill University के प्रोफेसर स्कॉट विसेंशल की स्टडी के मुताबिक प्रदूषण के हल्के कणों से जितना नुकसान सोचा गया था उससे ज्यादा नुकसान हो रहा है.
ये स्टडी कनाडा में की गई है जहां प्रदूषण का स्तर कम ही रहता है, लेकिन स्टडी के मुताबिक PM 2.5 के कणों का स्तर WHO के टारगेट से भी कम किए जाने की जरुरत है. सितंबर 2021 में WHO ने 10 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर से कम करके इस स्तर को 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर किया था. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक ये लेवल और नीचे लाने की जरुरत है. भारत की राजधानी दिल्ली में PM 2.5 का स्तर इन दिनों 300 से 400 के बीच चल रहा है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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वायु प्रदूषण से हर साल 57 लाख लोग हो रहे प्रभावित, नैनो पार्टिकल से बढ़ा खतरा