डीएनए हिंदी: खानपान की गलत आदत बिना वर्कआउट वाली दिनचर्या हमारे शरीर में बीमारियों की वजह बनता है. इसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल से लेकर यूरिक एसिड जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यूरिक एसिड एक सीमित मात्रा तक शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है, लेकिन इसका हाई लेवल हाथ पैर ही नहीं शरीर के सभी जोड़ों को जाम कर देता है. इनमें तेज दर्द, सूजन के साथ ही जाम हो जाते हैं. यह गठिया जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा बढ़ाता है. वहीं किडनी में प्यूरीन की पथरियों को जन्म देता है. अगर आप भी इसी तरह के दर्द, सूजन और जोड़ों के जाम होने से परेशान हैं. इसका आयुर्वेद में बहुत ही आसान इलाज है.
आयुर्वेद में दिए गए कुछ उपाय करने से ही आपके जोड़ों में होने वाला दर्द, सूजन और किडनी में पथरी, गठिया और गाउट की समस्या खत्म हो जाती है. जो लोग उठने बैठने से परेशान रहते हैं. वह भी दौड़ लगाने लगते हैं. इसमें सही खानपान भी आपकी मदद कर सकता है. ऐसी स्थिति में खानपान का बेहद ध्यान रखें. डाइट में होल व्हीट से लेकर लो फैट डेयरी प्रोडक्टस को ही शामिल करें. साथ ही ज्यादा तला भूना, मीठा और प्यूरीन व प्रोटीन से भरपूर खाने से बचें.
इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से कंट्रोल हो जाएगा यूरिक एसिड
पत्थरचट्टा व पुनरनवा का करें सेवन
आयुर्वेद में दवाई का काम करने वाला पुनरनवा के पौधे को पत्थर चट्टा भी कहा जाता है. हाई यूरिक एसिड के मरीजों के लिए यह पौधा किसी संजीवनी से कम नहीं है. इसकी पत्तियों को पकाकर खाने से यूरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल में किया जा सकता है. इन पत्तियों को खाते ही जोड़ों में होने वाली दर्द, सूजन खत्म हो जाती हे. यह यूरिक एसिड को फ्लश आउट कर देता है.
मकोए को डाइट में करें शामिल
अगर आपका भी यूरिक एसिड हाई रहता है और जोड़ों में दर्द, सूजन और गठिया की समस्या बन गई है तो परेशान न हो. आयुर्वेद जड़ी बूटियों में शामिल मकोए का सेवन करें. मकोए का पौधा होता है. इसमें हरे रंग के फल लगते हैं. पकने के बाद ये पीले और नारंगी हो जाते हैं. इनकी पत्तियों का रस निकालकर पीने से यूरिक एसिड कंट्रोल में आ जाता है. इस फल की सब्जी भी खा सकते हैं.
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गोखरू भी है फायदेमंद
गोखरू का फल शरीर के लिए बेहद लाभकारी है. गोखरू पर लगने वाले फल को एक साल तक रखकर खाया जा सकता है. इन्हें कुचलकर पानी में डालें. इसे एक से दो दिन में पी लें. हालांकि 3 दिन से ज्यादा रखने पर यह पानी खराब हो जाता है. गोखरू का पानी पीने से यूरिक एसिड आसानी से कंट्रोल हो जाता है. सभी तरह की समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
सेब का सिरका भी है फायदेमंद
यूरिक एसिड को कम करने में सेब का सिरका बेहद फायदेमंद है. इसका सेवन करने से ही शरीर का पीएच का लेवल बढ़ने लगता है. इसे ब्लड फ्लो भी नियमित होने लगता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सेब का सिरका किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है.इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंटस और एंटी इंफ्लामेंटरी गुण यूरिक एसिड को कंट्रोल कर देते हैं. यह टॉकसिंस को दूर कर देता है.
अलसी के बीज भी हैं लाभदायक
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए अलसी के बीजों का सेवन बेहद फायदेमंद है. अगर आपको यूरिक एसिड के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो खाना खाने के बाद अलसी के बीजों को चबाकर खाएं. इसे हाई यूरिक एसिड भी आसानी से कंट्रोल में आ जाता है. इसकी वजह से होने वाली समस्या भी कम होती है. इसके बीजों का इस्तेमाल पाउडर और तेल को फॉर्म में भी किया जा सकता है.
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यूरिक एसिड कम करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
-प्यूरीन से भरपूर भोजन को खाने से बचें. यह यूरिक एसिड को हाई कर देता है.
-यूरिक एसिड बढ़ाने वाली दवाओं को सेवन भूलकर भी न करें.
-दिनचर्या में वर्कआउट जरूरी शामिल करें.
-अल्कोहल और स्वीटनर्स का सेवन कम से कम करें.
-जितना हो सके मोटापा कम करने का प्रयास करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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