डीएनए हिंदी: इन दिनों शरीर में दर्द या ऐंठन की एक बड़ी वजह है यूरिक एसिड के लेवल का बढ़ जाना.शरीर में अगर यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो जोड़ों (Joints)से जुड़ी कई समस्याएं सामने आती है.सबसे बड़ी दिक्कत गाउट की होती है.जॉइंट्स में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा हो जाते हैं और इंफ्लामेशन की वजह से जोड़ों में दर्द (Joint Pain) शुरू हो जाता है, सिर्फ जोड़ों में नहीं बल्कि उंगलियों और शरीर के कई हिस्सों में भी बहुत दर्द होता है. ऐसे में शरीर में इसकी मात्रा नियंत्रित रहे इसका ध्यान रखना जरूरी है.लेकिन आजकल भागदौड़ की जिंदगी में लोग इसका ख्याल नहीं रख पाते हैं.हालांकि दवाओं के अलावा कुछ घरेलू उपचार से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं.
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण (High Uric Acid Causes in Hindi)
-किडनी या गुर्दे खराब होने की वजह से शरीर में फिल्ट्रेशन की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया,यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो परिणाम स्वरूप हड्डियों के बीच जमा हो जाता है,आहार में प्यूरिन ज्यादा होने की वजह से भी यूरिक एसिड ज्यादा बनता है.
-जो व्यक्ति अधिक मात्रा में शराब पीते हैं उनका यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है.शरीर में आयरन की मात्रा ज्यादा होने से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है.
-जिन व्यक्तियों को उच्च रक्तचाप की शिकायत रहती है, उनका यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है.
थायराइड की मात्रा जिन व्यक्तियों में ज्यादा या कम होती है उनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है.
यूरिक एसिड बढ़ने का कारण मोटापा भी माना जाता है.
आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment)
जोड़ों के दर्द को कम करने में आयुर्वेद बहुत मददगार है.ऐसे कई हर्ब्स हैं,जिनके इस्तेमाल से आप यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं. इसे नियंत्रित करने की आयुर्वेदिक दवा है नींबू. जिनका यूरिक एसिड बढ़ गया हो उनके लिए नींबू पानी रामवाण है.नींबू में विटामिन-सी काफी मात्रा में पाया जाता है. यह एसिडिक प्रभाव पैदा करता है जिसके कारण यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है. सुबह उठकर गुनगुने पानी के एक गिलास में नींबू निचोड़कर इसका सेवन करें.
पुनर्नवा काढ़ा- ये जोड़ों में इंफ्लामेशन को कम करता है. इसमें मौजूद मेडिसिनल प्रॉपर्टीज हाई यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मददगार हैं. जब यूरिक एसिड ज्यादा होता है तो जॉइंट्स में इंफ्लामेशन हो जाता है.ये fluids और टॉक्सिन्स के जमा होने की वजह से होता है.पुनर्नवा के सेवन से यूरिन के जरिए इन टॉक्सिन्स को रिमूव करने में मदद मिलती है.
गुगुल- इससे कई आयुर्वेदिक दवाइयां तैयार की जाती हैं. आयुर्वेद में इसे पेनकिलर माना जाता है क्योंकि, इससे जोड़ों के आसपास दर्द और इंफ्लामेशन को कम करने में मदद मिलती है. इसके साथ ही ये यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है.
गुडुची- यूरिक एसिड लेवल को कम करने में ये काफी मददगार है. ये पित्त को कम करता है. साथ ही पित्त और वात दोष को बैलेंस कर खून में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करता है. इससे इंफ्लामेशन और जोड़ों के दर्द को कम करने में भी मदद मिलती है.
मस्टा हर्ब- ये एक इफेक्टिव हर्ब है, जो जोड़ों के दर्द में राहत देता है. मस्टा पाउडर को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसे उबालें. इसके बाद छानकर इसे पी लें.
इसके अलावा अश्वगंधा, तुलसी,अलसी भी यूरिक एसिड के लेवल को कम करते हैं.
कुछ घरेलू उपाय (Home Remedies)
लाइफस्टाइल में बदलाव, व्यायाम, अच्छा भोजन, खूब सारा पानी पीना, ये सभी बातें यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल रखती हैं.
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