इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट यानी IIM दुनिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में से एक है. यहां मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट, डॉक्टोरल और एग्जीक्यूटिव कोर्स ऑफर किया जाता है. देशभर में 21 IIM हैं और इसमें एडमिशन पाना इतना भी आसान नहीं है क्योंकि स्टूडेंट्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है.
कैसे मिलता है IIM में एडमिशन-
CAT परीक्षा सभी IIM में प्रवेश के लिए प्राथमिक परीक्षा है. यह हर साल आयोजित की जाती है जिसमें उम्मीदवारों से वर्बल एबिलिटी एंड रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन (VARC), क्वांटिटेटिव एबिलिटी (QA), और डेटा इंटरप्रिटेशन एंड लॉजिकल रीजनिंग (DILR) से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. आईआईएम में चयन प्रक्रिया के अगले चरण में चयनित होने के लिए उम्मीदवारों को हाई पर्सेंटाइल स्कोर लाना जरूरी होता है जो कि अक्सर 90-99 से ऊपर होता है.
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कैट के बाद पर्सनल इंटरव्यू के लिए कैसे होता है चयन
प्रत्येक आईआईएम अगले स्टेप के लिए उम्मीदवारों को चयन करने के लिए अपने मानदंडों का उपयोग करता है जिसमें कैट स्कोर, शैक्षणिक रिकॉर्ड, कार्य अनुभव और दूसरे फैक्टर्स पर विचार किया जाता है.
शॉर्टलिस्टिंग के जरूरी बातें
CAT स्कोर वेटेज: CAT स्कोर अहम होते हैं लेकिन उनका वेटेज अलग-अलग होता है. IIM अहमदाबाद, IIM बैंगलोर और IIM कलकत्ता जैसे पुराने IIM अक्सर CAT स्कोर को ज़्यादा महत्व देते हैं जबकि नए IIM इसे दूसरे फैक्टर के साथ संतुलित कर सकते हैं.
एकेडमिक परफॉर्मेंस: कक्षा 10, कक्षा 12 और स्नातक में हासिल हुए नंबर भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जो स्टूडेंट्स लगातार अच्छे नंबर लाते रहे हैं, उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है.
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वर्क एक्सपीरियंस: 1 से 3 साल के बिजनेस एक्सपीरिएंस वाले उम्मीदवारों को अक्सर अतिरिक्त नंबर मिलते हैं.
दूसरे फैक्टर्स: जेंडर और एकेडमिक डाइवर्सिटी को प्रोत्साहित किया जाता है. गैर-इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि और महिला उम्मीदवारों को अक्सर अतिरिक्त नंबर मिलते हैं.
शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवार बाद में रिटेन एबिलिटी टेस्ट, पर्सनल इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन में शामिल होते हैं. हालांकि यह हर आईआईएम की अपनी-अपनी प्रवेश प्रक्रिया पर निर्भर करता है. रिटेन एबिलिटी टेस्ट उनके राइटिंग स्किल और उनके विचार स्पष्टता का मूल्यांकन करता है. पर्सनल इंटरव्यू उनके कम्युनिकेशन स्किल, नॉलेज और पर्सनालिटी को परखता है. वहीं ग्रुप डिस्कशन उनके नेतृत्व और फैसले लेने की क्षमता का परीक्षण करता है.
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कैसे होता है फाइनल सिलेक्शन
आईआईएम कई फैक्टर्स जैसे कैट स्कोर, पीआई/डब्ल्यूएटी परफॉर्मेंस, एकेडमिक प्रोफ़ाइल, कार्य अनुभव और विविधता के आधार पर एक समग्र स्कोर जारी कर उम्मीदवारों का चयन करता है.
आईआईएम भी भारत सरकार की आरक्षण नीति का पालन करते हैं. यहां 27 प्रतिशत सीटें ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर) छात्रों के लिए आरक्षित हैं, 15 प्रतिशत एससी के लिए, 7.5 प्रतिशत एसटी के लिए, 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस के लिए और 5 प्रतिशत दिव्यांगों के लिए आरक्षित हैं.
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कैसे मिलता है देश के 21 IIM में एडमिशन? समझें दाखिले का पूरा गणित