नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शनिवार यानी 10 फरवरी से पुस्तक प्रेमियों का महाकुंभ शुरू हो गया. दिन के 12 बजे के बाद प्रगति मैदान के भारत मंडपम में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दीप प्रज्वलित कर इसका उद्घाटन किया. दीपक मंडपम के दर्शक दीर्घा में सिर्फ और सिर्फ स्कूली बच्चे नजर आ रहे थे. अगर कहा जाए कि दर्शकों में 90 फीसदी स्कूली बच्चे थे तो यह अतिशयोक्ति नहीं.
उद्घाटन सत्र में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला पढ़ने के आनंद का अवसर है. हमें गर्व है कि हमारे यहां भाषाओं की विविधता है. भारत ही एक ऐसा देश है जहां अनेक भाषाएं बोली जाती हैं और कई भाषाओं में पाठकों के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं. यहां सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं है. भाषाएं और पुस्तकें हमारी धरोहर हैं. बहुभाषावाद हमारे राष्ट्र की एक जीवंत परंपरा है और इसको आम जनमानस की चेतना में लाने की दिशा में नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया का प्रयास सराहनीय है. 

भारत और सऊदी अरब के संबंधों पर बात

इस मौके पर सऊदी अरब के राजदूत सालेह बिन ईद अल हुसैनी ने भारत और सऊदी अरब के दशकों पुराने रिश्ते पर बात रखी. उन्होंने कहा कि भारत के अमृत काल और सऊदी के विजन 2030 में काफी समानताएं हैं. दोनों ही देश युवाओं और महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रगति पथ पर अग्रसर हैं. भारत में सऊदी अरब के साहित्य, संस्कृति और लोकपरंपरा का प्रतिनिधित्व करते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है. 

कार्यक्रम खत्म होने से पहले हॉल होने लगा खाली

कार्यक्रम खत्म होने से पहले ही सीटें हो गईं खाली.

इस उद्घाटन समारोह में जब तक अलग-अलग पुस्तकों का विमोचन होता रहा और उन पुस्तकों के बारे में 3 से 5 मिनट की डॉक्यूमेंट्री वीडियो से दर्शकों को बताया जाता रहा, भारत मंडपम में भीड़ बनी रही. लेकिन जब वक्तव्यों का दौर शुरू हुआ स्कूली बच्चे अपने शिक्षकों के साथ धीरे-धीरे भारत मंडपम से बाहर निकलते नजर आए. एक तरह से देखें तो बच्चों की मौजूदगी ने इस उद्घाटन सत्र को भरा-पूरा बनाए रखा. कार्यक्रम संचालक ने कार्यक्रम के शुरू होने से पहले शोर मचाते बच्चों को अपने रोचक सवालों से बांध दिया. बच्चे अचानक से कार्यक्रम से जुड़ गए और उत्साह के साथ संचालक के सवालों का जवाब देना शुरू किया. इस पूरे कार्यक्रम का संचालन साहित्यिक पत्रकार अंजुम शर्मा ने किया. 

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जानें किस हॉल में क्या है

बता दें कि प्रगति मैदान के हॉल संख्या 1 से 5 में आयोजित इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल 1 में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें मिलेंगी. हॉल 2 में लेखक मंच बनाया गया है, जहां भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों और विधाओं पर बातचीत करेंगे. हॉल 3 बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला और शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध होगी. हॉल 4 में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां आयोजित होंगी जबकि हॉल 5 थीम मंडप का है.

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World Book Fair 2024 Inaugural session audience gallery of Bharat Mandapam was packed with school children
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World Book Fair 2024: भारत मंडपम के दर्शक दीर्घा में खचाखच भरे थे स्कूली बच्चे
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उद्घाटन सत्र के दौरान भारत मंडपम के दर्शक दीर्घा में खचाखच भरे बच्चे.
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World Book Fair 2024: भारत मंडपम के दर्शक दीर्घा में खचाखच भरे थे स्कूली बच्चे

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