नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के हॉल नंबर 3 के बाल मंडप में 16 मार्च को बच्चों ने आभासी अंतरिक्ष यात्रा की. दरअसल दिल्ली के नेहरू तारामंडल ने एक सत्र 'स्पेस सफारी : ऐन एडवेंचर इन एस्ट्रोनॉमी' का आयोजन किया था. इस सत्र के दौरान खगोल विज्ञान के पेशेवरों ने बच्चों को यह आभासी अंतरिक्ष यात्रा कराई.
उन्होंने सौर मंडल, ग्रहों, सूर्य, चंद्रमा, और चंद्रयान मिशन के बारे में भी बात की. कार्यक्रम में वक्ताओं ने बच्चों के साथ समुद्री प्रदूषण के महत्त्व और अंतरिक्ष अन्वेषण के बारे में भी संवाद किया. इस मौके पर कर्णव अग्निहोत्री की पुस्तक 'सुपर शार्क-फ्लाई टू द मून' भी बच्चों को दिखाई गई.
बाल मंडप में कार्टून नेटवर्क ने बच्चों के लिए 'ड्रीम्स बिक्रम रियल्टी : पोस्टर कॉम्पटीशन ऑन माई फ्यूचर सेल्फ' विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता कराई. इसमें बच्चों ने उत्साह के साथ अपनी भागीदारी दिखाई. बाल मंडप में बच्चों को कैलिग्राफी के बारे में भी बताया गया. यह सत्र एनसीसीएल, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने आयोजित किया था. विषय था 'इंक एंड इलीगेंस : अ वर्कशॉप ऑन कैलिग्राफी'. इस सत्र में 'ए टू जेड लोअर केस लेटर फॉर्मेशन' के बारे में बताया गया. इस कार्यशाला में बच्चों ने सुलेख लेखन भी किया.
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बाल मंडप के एक अन्य सत्र में, प्रख्यात कथाकार सिम्मी श्रीवास्तव ने 'राजा की मूंछें' कहानी सुनाई. इस कहानी का सार जीवन में विनम्रता और मुस्कुराहट का महत्त्व स्थापित करता है. इस कहानी के माध्यम से बच्चों को जीवन में दूसरों के विचारों को भी महत्त्व देने और हमेशा मुस्कुराते रहने का संदेश दिया गया. एक अन्य सत्र में श्री यश तिवारी ने 'पेजज अलाइव: इनटरेक्टिव सेशन ऑन द लिटरेरी आट्रर्स' में कहानी लिखने के तरीके बताए. इस मौके पर श्री यश तिवारी ने बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया में कहानियां पढ़ने के लाभ भी साझा किए.
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बाल मंडप में कल्पनाओं की दुनिया को मिले पंख, अंतरिक्ष की उड़ान भरी बच्चों ने