डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle-SSLV) को रविवार को लॉन्च कर दिया. SSLV को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. एसएसएलवी में EOS02 और आजादी सैटेलाइट्स को भेजा गया है. रॉकेट ने दोनों ही सेटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंच दिया है. लेकिन थोड़ी देर बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया. इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर लगातार संपर्क जोड़ने की कोशिश कर रहा है.
SLV को छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. यह स्मॉल-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल है. इसके जरिए धरती की निचली कक्षा में 500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट्स को निचली कक्षा यानी 5000 किमी से नीचे या फिर 300KG के सैटेलाइट्स को सन सिक्रोनस ऑर्बिट में भेजा जाएगा. सब सिंक्रोनस ऑर्बिट की ऊंचाई 500KM के ऊपर होती है.
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PSLV रॉकेट से आकार में काफी छोटा है SSLV
SSLV की लंबाई 34 मीटर यानी 112 फीट है. जबकि इसका व्यास 2 मीटर (6.7 फीट) का है. SSLV का कुल वजन 120 टन है. एसएसएलवी 10 से 500 किलो के पेलोड्स को 500 किलोमीटर तक पहुंचाने में सक्षम है. इसे सिर्फ 72 घंटे तैयार किया जा सकता है. यह PSLV रॉकेट से आकार में काफी छोटा है. इसमें चार स्टेज हैं. इसके 3 स्टेज सॉलिड फ्यूल से चलेंगे, बल्कि चौथा स्टेज लिक्विड ईंधन से प्रोपोल होगा. पीएसएलवी का पहला स्टेज 94.3 सेकेंड, दूसरा स्टेज 113.1 सेकेंड और तीसरा स्टेज 106.9 सेकेंड में जलेगा.
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750 लड़कियों ने बनाया AzaadiSAT
SSLV में EOS02 ऑब्जरवेशन सैटेलाइट भेजा गया है. EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है, जो 10 महीने तक अंतरिक्ष में काम करेगा. इसका वजन 142 किलोग्राम है. इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है. जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है. यानी इस कैमरे से रात के अंधेरे में भी साफ नजर आता है. इस मिशन पर दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-02 (EOS02) और आजादी सैटेलाइट (AzaadiSAT) को भेजा गया है. AzaadiSAT सैटेलाइट स्पेसकिड्स इंडिया नाम की देशी निजी स्पेस एंजेसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है. इसे देश के 75 स्कूलों में पढ़ने वाली 750 लड़कियों मिलकर बनाया है.
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लॉन्च हुआ ISRO का रॉकेट SSLV, लेकिन टूट गया संपर्क, जानें पूरी डिटेल