इंटरनेशनल म्यूजिक के जानकार भले ही म्यूजिक को लेकर अलग राय रखते हों. मगर बियॉन्से और उनके स्टारडम पर उनका ओपिनियन लगभग एक जैसा है. ऐसे लोग मानते हैं कि जब बात परफॉरमेंस और एनर्जी की हो तो बियॉन्से का किसी से कोई मुकाबला नहीं है. मौके बेमौके फैंस इस बात के भी पक्षधर रहे हैं कि जैसा स्ट्रगल बियॉन्से ने किया और जैसे उन्होंने कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ीं, उसका जिक्र किताबों में होना चाहिए. अब तक भले ही ये बात हमने सुनी हो लेकिन अब बहुत जल्द ऐसा होने वाला है.  जी हां सही सुना आपने. येल यूनिवर्सिटी में बियॉन्से के अध्ययन के लिए एक कोर्स शुरू किया जा रहा है, जिससे छात्रों को  इस ग्लोबल सुपरस्टार की 'कलात्मक प्रतिभा' के बारे में गहराई से जानने का अवसर मिलेगा.

Beyonce Makes History: Black Radical Tradition History, Culture, Theory & Politics Through Music शीर्षक के साथ जल्द ही ये कोर्स जनता के बीच होगा. मानविकी और कला विभाग के माध्यम से पेश किये गए मॉड्यूल के विवरण के अनुसार इस कोर्स में 2013 में आए उनके एल्बम बियॉन्से से लेकर उनके वर्तमान एल्बम, काउबॉय कार्टर तक हर उस चीज का जिक्र होगा जो बतौर परफ़ॉर्मर बियॉन्से की जिंदगी से जुड़ी है.  

इस साल के कंट्री म्यूजिक एसोसिएशन अवार्ड्स में पूरी तरह से नकारे जाने के बाद, एल्बम को 11 ग्रैमी नॉमिनेशन मिले हैं. इसे बतौर सिंगर और परफ़ॉर्मर बियॉन्से को एक बड़ी उपलब्धि के रूप में इसलिए भी लेना चाहिए क्योंकि इसके बाद बियॉन्से इतिहास में सबसे अधिक ग्रैमी-नामांकित कलाकार बना दिया है, जिसके पास कुल 99 नामांकन हैं.

येल के पॉप कल्चर से प्रेरित कोर्स में बियॉन्से की परफॉरमेंस पॉलिटिक्स  और कॉन्सर्ट फिल्मों का भी विश्लेषण किया जाएगा, जिसका उपयोग ब्लैक इंटेलेक्चुअल थॉट और सक्रियता की जांच करने के लिए एक लेंस के रूप में किया जाएगा.

कोर्स डिस्क्रिप्शन पर नजर डालें तो 43 वर्षीय गायिका के मिड कैरियर प्रदर्शनों की सूची को देखते हुए, पाठ्यक्रम ब्लैक नारीवादी सिद्धांत, दर्शन और एंथ्रोपोलॉजी के साथ कला इतिहास, प्रदर्शन अध्ययन और संगीतशास्त्र में विद्वानों के कार्यों को विस्तार से दुनिया के सामने पेश करेगा. 

क्लास को लेखक और ब्लैक स्टडीज स्कॉलर डेफने ब्रूक्स द्वारा पढ़ाया जाएगा, जिन्होंने येल के ब्लैक साउंड एंड द आर्काइव वर्किंग ग्रुप की सह-स्थापना की, (येल यूनिवर्सिटी की ये एक ऐसी कम्युनिटी है जो संकाय और छात्रों को  'ब्लैक साउंड आर्काइव्स की अप्रयुक्त विविधता का पता लगाने' के लिए काम कर रहा है.

ब्रूक्स ने एनबीसी न्यूज को बताया कि यह कोर्स सालों से चल रहा है. उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम पर कई वर्षों से काम चल रहा था, इससे पहले उन्होंने प्रिंसटन विश्वविद्यालय में ब्लैक वीमेन एंड पॉपुलर म्यूजिक कल्चर नामक कोर्स से स्टूडेंट्स को रू-ब-रू कराया है. ब्रूक्स ने कहा कि यह बियॉन्से के काम पर एक संपूर्ण व्याख्यान पाठ्यक्रम समर्पित करने का उनका पहला अवसर होगा.

बताया ये भी जा रहा है कि यह कोर्स येल को उन विश्वविद्यालयों की श्रृंखला में जोड़ता है, जिन्होंने पिछले दशक में गायिका से प्रेरित पाठ्यक्रम बनाए हैं. बताते चलें कि 2010 के दशक की शुरुआत में, रटगर्स यूनिवर्सिटी ने पॉलिटिसाइजिंग बेयॉन्से की शुरुआत की, और शिकागो में इलिनोइस यूनिवर्सिटी ने बेयॉन्से: क्रिटिकल फेमिनिस्ट पर्सपेक्टिव्स एंड यूएस ब्लैक वूमनहुड को अपने सैलेबस में जोड़ा.

कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने भी अपने बेयॉन्से नेशन कोर्स के संस्करण पेश किए हैं, जो उनके करियर की दिशा के साथ-साथ राजनीतिक सक्रियता और नारीवाद पर उनके प्रभाव का अध्ययन करता है. अन्य विश्वविद्यालयों ने भी इसी तरह के बेयॉन्से-थीम वाले पाठ्यक्रम पेश किए हैं, जिनमें सैन एंटोनियो में टेक्सास विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया पॉलिटेक्निक स्टेट यूनिवर्सिटी और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं.

बताते चलें कि टेलर स्विफ्ट और लेडी गागा सहित अन्य फेमस हस्तियों के सांस्कृतिक प्रभाव को भी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों द्वारा अपनाया गया है. 2010 में, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना ने अपने समाजशास्त्र पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में लेडी गागा एंड द सोशियोलॉजी ऑफ द फेम नामक एक मॉड्यूल शुरू किया.

बहरहाल ये तो बात हुई विदेश में बियॉन्से पर शुरू हुए कोर्स की. अब सवाल ये है कि क्या भारत जैसे देश में ऐसा कुछ हो सकता है? ध्यान रहे भारत में भी कई ऐसे एक्टर्स और परफार्मिंग आर्टिस्ट हुए हैं जिन्होंने बेमिसाल और बेहतरीन काम किया है. चाहे वो अशोक कुमार, किशोर कुमार, राज कपूर, अमजद खान, कादर खान प्राण जैसे लोग हों या फिर अमिताभ बच्चन, नसीर उद्दीन शाह, जावेद अख्तर, गुलजार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे तमाम लोग हैं जिन्हें अब किताबों में आ ही जाना चाहिए.

खैर जिक्र बतौर परफ़ॉर्मर बियॉन्से का हुआ है. तो ये बता देना और भी जरूरी हो जाता है कि बियॉन्से जिस समुदाय (ब्लैक कम्युनिटी) से आती हैं उसे अमेरिका, यूरोप में तमाम तरह की आलोचनाओं का सामना हर रोज ही करना पड़ता है.  ऐसे में जो उपलब्धि बतौर कलाकार बियॉन्से ने हासिल की है वो वाक़ई अविश्वसनीय है और उसकी तारीफ हर सूरत में होनी ही चाहिए.

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Yale University introduces course on Beyonce political and cultural impact as black india might take inspiration
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'Beyonce' पर कोर्स शुरू कर Yale University ने भारत को दिया है एक जबरदस्त Idea!
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बतौर परफ़ॉर्मर जो बियॉन्से ने किया है वो बेमिसाल है
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'Beyonce' पर कोर्स शुरू कर Yale University ने भारत को दिया है एक जबरदस्त Idea! 

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