साल 2023 तारीख 3 मई. किसी छोटी मोटी घटना को नजरअंदाज कर दें तो देश में सब कुछ नार्मल था. टीवी के साथ साथ सोशल मीडिया पर खबर फ़्लैश हुई कि कुकी और नागा जनजातियों के सदस्यों ने, जो मणिपुर की पहाड़ियों में निवास करते हैं और जिन्हें अनुसूचित जनजाति या भारत का सबसे वंचित समूह माना जाता है विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. कुकी और नागा समुदायों का ये विरोध प्रदर्शन उन सुख सुविधाओं के खिलाफ था, जो मणिपुर में मैतेई समुदायों को मिल रहा था.
विरोध उग्र हुआ जिसका नतीजा ये निकला कि राज्य में जबरदस्त हिंसा हुई. घरों और दुकानों को आग के हवाले किया गया, महिलाओं संग बलात्कार हुआ, लोगों की जानें गयीं और आम जन जीवन प्रभावित हुआ.
क्योंकि मणिपुर और वहां की ख़बरों तक की पहुंच हमारे लिए बहुत 'सीमित' है. आज भी बतौर नागरिक हमें यही लगता है कि हालात सामान्य होंगे और जन जीवन वापस पटरी पर लौट आया होगा.
तो क्या वास्तव में ऐसा है? इस सवाल का जवाब हमें उस प्रेस कांफ्रेंस से मिलता है जो राजधानी इंफाल में राज्य के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने उस वक़्त की है जब मणिपुर हिंसा को ठीकठाक वक़्त गुजर चुका है. सीएम बिरेन सिंह ने घटना के लिए लोगों से माफ़ी मांगते हुए आगे बढ़ने की अपील की है.
VIDEO | Here’s what Manipur CM N Biren Singh (@NBirenSingh) said during a press conference in Imphal.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 31, 2024
“This entire year has been very unfortunate. I want to say sorry to the people of the state for what's happening till today since last May 3. Many people lost their loved ones.… pic.twitter.com/kzjTFjZycA
प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने और क्या क्या कहा है उसका जिक्र होगा. लेकिन उससे पहले हमारे लिए ये जान लेना बहुत ज़रूरी है कि मणिपुर में अब भी जस की तस है. कुकी और नागा जनजातियां अपनी मांग पर अड़िग हैं और मैतेई समुदाय से उनकी रंजिश आज भी बरक़रार है.
इंफाल स्थिति अपने सरकारी आवास पर सरकार के विकास कार्यों और उपलब्धियों तथा आगामी वर्ष के लिए उसकी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने मणिपुर की आबादी के सभी वर्गों से अपील की कि, वे भविष्य में शांति और सद्भाव के लिए प्रयास करते हुए आने वाले नए साल में अतीत को माफ कर दें और जो हुआ उसे भूल जाएं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मणिपुर में शांति बहाल करने के प्रयासों के तहत, कुल 2058 विस्थापित परिवारों को उनके घरों में पुनर्स्थापित किया गया है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि मणिपुर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर हिंसा को रोकने के लिए, सरकार ने सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं.
सीएम बीरेन सिंह ने बताया कि भारतीय सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और राज्य पुलिस के जवान राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा में लगे हैं. सीएम द्वारा ये भी बताया गया कि मणिपुर में हिंसा फैलने के बाद से, पहाड़ी और घाटी जिलों की सीमा से लगे संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद गोलीबारी की घटनाओं में कमी आई है.
बीरेन सिंह ने कहा, 'मणिपुर में शांति बहाल की जा रही है और एकमात्र समाधान चर्चा और संवाद में है, जिसे केंद्र सरकार पहले ही शुरू कर चुकी है.'
Forgive what? The brutal atrocities, the shattered lives, the justice denied?
— Prof. Varsha Eknath Gaikwad (@VarshaEGaikwad) December 31, 2024
Forget what? That Manipur is still in flames while he clings to power?
CM Biren Singh's 'forgive and forget' remark is an insult to the victims of hate-driven politics.#ShameonBJP… pic.twitter.com/KuTjQ70o58
अपनी उपलब्धियों पर बात करते हुए बिरेन सिंह ने कहा कि राज्य के शस्त्रागारों से लूटे गए लगभग 6,000 हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों में से 3,000 से अधिक हथियार बरामद किए गए हैं, 625 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, और कुल 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि मणिपुर सरकार ने कानून और व्यवस्था को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए 40 बुलेटप्रूफ वाहन खरीदे हैं, जिनमें 10 माइन-प्रोटेक्टेड वाहन, मिनी मशीन गन, स्नाइपर राइफल और अन्य उपकरण शामिल हैं. विभिन्न योजनाओं के तहत, मणिपुर सरकार चल रही हिंसा से प्रभावित विस्थापित लोगों को सहायता को प्राथमिकता दे रही है.
कुल मिलाकर जिस तरह की प्रेस कांफ्रेंस हुई, मुख्यमंत्री की बातों को सुनते हुए ऐसा महसूस हुआ कि, पूर्व में मणिपुर में जो कुछ भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था और उसका उन्हें अफ़सोस है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर मुख्यमंत्री बिरेन सिंह तब कहां थे जब मणिपुर जल रहा था.
क्यों आखिर तब उन्हें वो चीख नहीं सुनाई दी जो तब एक महिला के मुंह से निकली जब उसका बलात्कार हुआ? तब कहां थे मुख्यमंत्री जब मकानों, दुकानों को लूटा और जलाया जा रहा था? तब क्यों नहीं मुख्यमंत्री बिरेन सिंह फ्रंट फुट पर आए जब दंगाई भीड़ ने सुरक्षाबलों के हथियार छीनें?
बतौर मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को बिलकुल भी इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि, जो कुछ भी उनके सत्ता में रहते एक राज्य के रूप में मणिपुर में हुआ. उसमें माफ़ी की कोई गुंजाइश इसलिए भी नहीं है क्योंकि तमाम लोग हैं जिन्हें न केवल मणिपुर हिंसा ने प्रभावित किया. बल्कि अब शायद ही कभी हिंसा प्रभावित लोगों का जीवन पटरी पर लौटे.
Held a press briefing at my Secretariat.
— N. Biren Singh (@NBirenSingh) December 31, 2024
On the eve of a new year, I reflect on the progress we've made together in 2024 and the challenges we’ve overcome. As we step into 2025, I reaffirm our commitment to building a stronger, more inclusive state. pic.twitter.com/nspjCL1FaI
हिंसा के बाद जैसे हाल एक राज्य के रूप में मणिपुर के हुए, वो शर्मसार करने वाले इसलिए भी हैं. क्योंकि देश ने ऐसे तमाम मंजर देखे जो न केवल विचलित करने वाले हैं. बल्कि ये भी बताते हैं कि जब हिंसा से राजनीतिक हित साधे जाते हैं तो हाल ऐसा ही कुछ मिलता जुलता होता है.
बहरहाल अब जबकि सीएम बिरेन सिंह ने माफ़ी मांग ही ली है. तो हम बस ये कहते हुए अपनी बातों को विराम देंगे कि जो कुछ भी मणिपूर में हुआ वो इतिहास में दर्ज हो चुका है. और अब जो कुछ भी हो रहा है वो एक ऐसी लीपापोती है, जिसका नतीजा आज नहीं लेकिन आगामी चुनावों में निकलेगा.
बाकी मणिपुर के पूरे घटनाक्रम के लिए सरकार को माफ़ी मिल जाए इसपर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा.
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क्यों Manipur Violence पर CM Biren Singh की Sorry की टाइमिंग असमय और बेहद ख़राब है?