कहीं पढ़ा था कि महिला उस हवा की तरह है, जिसे कैद में रहना नहीं पसंद. वो खुले में घूमना चाहती है अपने अनुभवों से सीखना और समझना चाहती है. सवाल ये है कि क्या दुनिया की सभी महिलाएं आज़ाद हैं? जवाब हमें तब न में मिलता है, जब हम अफगानिस्तान जाते हैं और उन तमाम महिलाओं से मिलते हैं जिनका हुक्मरां तालिबान है. तालिबान, एक शासक के रूप में आज दुनिया के सामने अपने को कितना भी लिबरल क्यों न दिखा ले. लेकिन सच्चाई क्या है? इसका अंदाजा उन महिलाओं से बात कर आसानी से लगाया जा सकता है जो अफगानिस्तान में रह रही हैं और घुंट घुंटकर जीने को मजबूर हैं.  

दरअसल अफ़गानिस्तान में दमनकारी तालिबान शासन के तहत रहने वाली युवा महिलाओं ने 2025 के लिए अपनी उम्मीदों और आशंकाओं को साझा करने का साहस किया है, जिसमें 'लैंगिक रंगभेद' के अंत से लेकर पार्क में टहलना तक शामिल है.

2021 में तालिबान द्वारा नियंत्रण किए जाने और महिलाओं के अधिकारों पर आक्रामक रूप से कार्रवाई किए जाने के बाद से अपनी ज़िन्दगी का बीसवां बसंत देख रही कुछ महिलाओं की पढ़ाई और करियर बाधित हुआ है.

ऐसी ही एक महिला ने एक न्यूज़ वेबसाइट को अपना एक रिकॉर्ड किया गया वीडियो मैसेज भेजा . जिसमें उसने इस बात का जिक्र किया है कि, '2025 के लिए मेरी इच्छा, तालिबान के झंडे से मुक्त जीवन जीना है.'

महिला ने कहा है कि,'यह केवल मेरी इच्छा नहीं है, बल्कि सभी अफ़गान महिलाओं की इच्छा है.' इसी तरह एक अन्य महिला को यह उम्मीद है कि, 'अफ़गानिस्तान में महिलाओं को इंसान के रूप में पहचाना जाएगा.'

महिला का यह सपना है कि वह पार्क, खेल के मैदान और ब्यूटी सैलून में जा सके. ये महिलाएं, जो पत्रकार, लेखिका, वकील और शिक्षिका बनने की इच्छुक हैं, सभी ने गुमनाम रूप से इस डर से बात की कि उन्हें ऐसे देश में दंडित किया जाएगा, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हिंसक रूप से अंकुश लगाता है.

ध्यान रहे कि कोई भी अफगान महिला विदेशियों के साथ संपर्क में नहीं रह सकती. तालिबान ने इस पर प्रतिबंध लगाया है.

साल 2025 में भी घरों में रहने को मजबूर हैं अफगानी महिलाएं!

इस्लामी कट्टरपंथी समूह तालिबान ने पहले ही महिलाओं को उच्च शिक्षा और अधिकांश नौकरियों से बाहर कर दिया है, और उन्हें सार्वजनिक रूप से बोलने या अपना चेहरा दिखाने से मना किया है.

बीते दिनों ही तालिबान ने नई इमारतों में उन खिड़कियों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिनसे किसी महिला को 'देखा' जा सकता है.  वहीं उसने ये भी कहा है कि यह उन सभी गैर सरकारी संगठनों को बंद कर देगा जो अभी भी महिलाओं को काम पर रखते हैं.

ध्यान रहे कि करीब दो साल पहले तालिबान की तरफ से इस बात दोहराया गया था कि, अफगानी महिलाएं इस्लामी हिजाब को सही ढंग से नहीं पहनती इसलिए उन्हें दफ्तरों या कंपनियों में काम करने से रोक दिया जाए.

अपने मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली इन महिलाओं ने कहा कि वे 'फिर से सीखना'चाहती हैं. और 'बिना किसी डर के सड़कों पर चलना चाहती हैं.'

अफगानी महिलाओं को इस बात की भी उम्मीद है कि आने वाले वक़्त में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय तालिबान के सदस्यों पर मुकदमा चलाएगा और उन्हें उनकी करनी के लिए कठोर सजा देगा.

वेबसाइट से बात करते हुए एक अफगानी महिला ने कहा है कि अपनी 'कठिन' परिस्थितियों के बावजूद, अफ़गान महिलाओं में 'अभी भी उम्मीदें हैं और अभी भी सपने हैं'.

तालिबान के दमनकारी शासन में जीने को मजबूर तमाम महिलाएं आज 2025 में जब वो दूसरे देश की महिलाओं, उनकी आज़ादी और कामयाबी के बारे में सुनती हैं तो उन्हें बहुत सुकून मिलता है. और उनका विश्वास और मजबूत हो जाता है कि आज नहीं तो कल उनके भी अच्छे दिन आएंगे.

अफगानी महिलाओं को उम्मीद है कि एक ऐसा दिन आएगा जब अफगान लड़कियां अपनी यूनिफार्म में फिर से स्कूल जा सकेंगी.  या फिर वो दिन जब अफ़गान लड़कियां अपने घरों से बाहर निकल सकेंगी और बिना किसी डर के सड़कों पर चल सकेंगी.

कुल मिलाकर देखने और समझने में अफगानी महिलाओं की मांगें बहुत छोटी हैं. लेकिन जब हम इनका अवलोकन करते हैं तो मिलता है कि कट्टरपंथियों और रूढ़िवादियों के बीच वास करने वाली महिलाओं के लिए ये तमाम चीजें और आजादी अपने में एक बड़ा टास्क है.

बहरहाल, इन दुखयारी अफगानी महिलाओं को उनके मूल भूत अधिकार इस साल यानी 2025 में मिलते हैं या नहीं? इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन जो हाल अफगानिस्तान का है और इसमें भी जैसा हाल महिलाओं का है कहना गलत नहीं होगा कि आज़ाद हवा में सांस लेना ही वहां की महिलाएं अपना लक्ष्य मानती होंगी.

और क्योंकि दुनिया भर में महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है. इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि अफगानी महिलाओं को भी इस दमन से. इस भय से आजादी मिलेगी और बहुत जल्द ही उनके भी अच्छे दिन आएंगे. 

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In Afghanistan Why Afghan women are daring to dream of a life free from Taliban and gender apartheid in 2025
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2025 में कुछ बेहद अजीबोगरीब सपनें देख रही हैं अफगानी महिलाएं! 
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Hindi
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अफगानिस्तान में बहुत बुरी स्थिति में रहने को मजबूर हैं महिलाएं
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क्यों 2025 में तालिबान और 'लैंगिक रंगभेद' से मुक्त जीवन का सपना देख रही हैं अफगानी महिलाएं? 

 

 

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