पुणे के व्यस्त स्वर्गेट डिपो में बस के अंदर एक महिला से बलात्कार करने के बाद भाग रहा दत्तात्रेय रामदास गाडे (37) पीने का पानी मांगने के लिए एक व्यक्ति के पास गया. और, यही वह सफलता थी जिसकी पुलिस को तलाश थी. ऐसा इसलिए क्योंकि यहीं से गाडे के सहायक ने मुखबिरी की. मामले के मद्देनजर पुणे के टॉप कॉप अमितेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और जो बातें उन्होंने बताई हैं वो हैरान करने वाली हैं. अमितेश कुमार के मुताबिक करीब 500 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के साथ-साथ डॉग स्क्वॉड और 400 से अधिक ग्रामीणों ने गाडे की तलाश की और 75 घंटे की तलाश के बाद गुरुवार देर रात उसे पकड़ लिया गया.
अमितेश ने कहा कि, 'हम पिछले तीन दिनों से आरोपी की तलाश कर रहे थे. तलाशी में करीब 500 पुलिस अधिकारी और कर्मी शामिल थे... हमें 400 से 500 स्थानीय ग्रामीणों का भी समर्थन मिला. हमारे डॉग स्क्वॉड ने कई जगहों की पहचान की, जिससे हमें आरोपी का पता लगाने में मदद मिली. रात 1.10 बजे हमने उसे (दत्तात्रेय रामदास गाडे को) हिरासत में ले लिया.
बताया जा रहा है कि पुणे पुलिस ने आरोपी का पता लगाने के लिए ड्रोन सहित व्यापक तलाशी अभियान चलाया था. इसके अलावा, पुलिस को सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम दिए जाने की पेशकश पुलिस द्वारा की गई थी.
मीडिया से बात करते हुए कुमार ने कहा कि, 'आरोपी इस व्यक्ति के पास पानी पीने आया था. उसके द्वारा दी गई जानकारी के कारण पुलिस मामले की जांच में आगे बढ़ पाई.' उन्होंने आगे कहा कि मामले की आगे की जांच के लिए एक विशेष पुलिस दल का गठन किया गया है, जिस पर फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा.
अमितेश कुमार ने यह भी बताया कि, 'एक विशेष वकील नियुक्त किया जाएगा और मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा. हम जल्द ही महिला सुरक्षा ऑडिट करेंगे. (यह) प्रक्रिया चल रही है और (हम) महिलाओं के लिए सुरक्षित जाल तैयार कर रहे हैं.'
पुणे के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि आरोपी को पकड़ने में देरी के बावजूद, मुखबिर की सूचना के बाद एक घंटे के भीतर उसकी पहचान कर ली गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, 'हम एक मजबूत जांच करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि एक ठोस मामला बनाया जा सके. जांच प्राथमिक स्तर पर है.
ध्यान रहे कि मेडिकल फील्ड में काम करने वाली 26 वर्षीय महिला के साथ गाडे ने कथित तौर पर बलात्कार तब किया, जब वह मंगलवार सुबह करीब 5.45 बजे स्वर्गेट के एक प्लेटफॉर्म पर सतारा जिले के लिए बस का इंतजार कर रही थी.
आरोपी ने उसे यह कहकर गुमराह किया कि बस दूसरे प्लेटफॉर्म पर आ गई है, और आखिरकार उसे कहीं और खड़ी एक खाली एसी बस में ले गया. बस के अंदर अंधेरा होने के कारण शुरू में झिझकने के बावजूद, उसने गाडे पर भरोसा किया और अंदर चली गई क्योंकि उसने उसे बताया कि यह सही वाहन है.
इसके तुरंत बाद, 37 वर्षीय व्यक्ति ने महिला का पीछा किया और उसके साथ बलात्कार किया. अपराध करने के बाद उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया.
चूंकि घटना कोई मामूली घटना नहीं थी इसलिए इससे व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसमें उद्धव सेना के नेताओं के एक समूह ने महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के सबसे बड़े बस डिपो में से एक स्वर्गेट में सुरक्षा गार्ड केबिन में तोड़फोड़ की.
गाडे के विषय में जो जानकारी आई है अगर उसपर यकीन किया जाए तो उसका नाम पुणे और अहिल्यानगर जिलों में डकैती, चोरी और चेन स्नैचिंग के कई मामलों में दर्ज है और वह इनमें से एक मामले में 2019 से जमानत पर बाहर था.
बहरहाल अब जबकि गाडे की गिरफ्तारी हो गई है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि इस मामले में उसे सजा कब होती है. भले ही इस मामले को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की बात की जा रही हो, मगर भारत जैसे देश में न्याय व्यवस्था का जो स्वरूप है, इस मामले में फैसला आने में कितना वक़्त लगेगा? इसपर बहुत कुछ कहने और बताने की जरूरत नहीं है.
बाकी ये मामला सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड है इसलिए भी इस पर नजर रखी जा रही है और ये देखा जा रहा है कि सलाखों के पीछे आ चुका वहशी दरिंदा दत्तात्रेय रामदास गाडे अपने असली अंजाम तक पहुंचता है या नहीं.
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