डीएनए हिंदी: इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने दुनिया के मौसम को लेकर एक बड़ा अलर्ट जारी किया है. जानकारी ऐसी है कि सभी चिंता में आ गए हैं. उनके मुताबिक पूरी दुनिया का तापमान 2.7 डिग्री तक बढ़ सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जरूरी है कि कार्बन गैसों को बिल्कुल भी बनने न दिया जाए. कार्बन गैसों के उत्सर्जन में कमी किए बिना ग्लोबल को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना पहुंच से बाहर है. इस काम के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े बदलाव करने की जरूरत है और फॉसिल फ्यूल के इस्तेमाल कम करना होगा.
आईपीसीसी की छठी एनालिसिस रिपोर्ट की तीसरी किश्त में बताया गया है कि पेरिस समझौते के टार्गेट को पूरा करने के लिए अब शायद बस एक आखिरी मौका बचा है और इस मौके का फायदा अगले आठ सालों में ही उठाया जा सकता है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि मौजूदा हालात ऐसे हैं कि 1.5 या 2 डिग्री तो दूर हम 2.7 डिग्री तापमान बढ़ने की तरफ जा रहे हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वैश्विक तापमान में बढ़त को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के टार्गेट को पाने के लिए इस वक्त हालात 'अभी नहीं या कभी नहीं' वाले हैं. अगर तापमान बढ़ता रहा तो ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से बर्फ पिघलेगी और इससे कई छोटे-छोटे द्वीप और शहर पानी-पानी हो जाएंगे. कुल मिलाकर पर्यावरण का पूरा संतुलन बिगड़ने वाला है.
भारत में भी जारी है गर्मी का कहर
बता दें कि इस वक्त पूरा देश गर्मी की मार झेल रहा है. मार्च-अप्रैल से ही मई-जून वाली गर्मी की शुरुआत हो चुकी है और हालात धीरे-धीरे और खराब होते जा रहे हैं. बारिश न होने के चलते गर्मियां जल्दी शुरू हो गईं और अब लू के थपेड़ों ने जनता को बेहाल कर दिया है.
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अगले 8 साल में इतना बढ़ सकता है दुनिया का तापमान, पानी में समा जाएंगे कई देश