Who Is Ranjani Srinivasan: अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक भारतीय छात्रा ने खुद को वहां से सेल्फ-डिपोर्ट कर लिया है. उसने यह कदम अमेरिकी सरकार के उस फैसले के कई दिन बाद उठाया है, जिसमें प्रो-फलस्तीन प्रोटेस्ट में भाग लने के लिए उसका स्टूडेंट वीजा रद्द कर दिया गया है. यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के मुताबिक, रंजनी श्रीनिवासन नाम की इस भारतीय स्टूडेंट का वीजा 5 मार्च को 'हिंसा व आतंकवाद की वकालत' करने के लिए रद्द कर दिया गया था. रंजनी पर इजरायल के खिलाफ आतंकी हमले करने वाले फलस्तीनी संगठन हमास (Hamas) का समर्थक होने का आरोप है. वीजा रद्द होने के बाद रंजनी श्रीनिवासन ने अब खुद को अमेरिका से भारत के लिए सेल्फ-डिपोर्ट कर लिया है. उसने सेल्फ-डिपोर्ट की प्रक्रिया उस बुरी हालत से बचने के लिए अपनाई है, जो हालिया दिनों में अमेरिकी मिलिट्री एयरक्राफ्ट से जबरन वापस भेजे गए भारतीयों की हुई थी.
होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी ने शेयर किया रंजनी का वीडियो
यूएस होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने अपने बयान में रंजनी का वीजा रद्द किए जाने की खबर दी. बयान में कहा गया कि रंजनी श्रीनिवासन आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल रही थीं. 5 मार्च, 2025 को विदेश मंत्रालय ने उनका वीजा रद्द कर दिया है. होमलैंड सिक्योरिट डिपार्टमेंट को उनकी वीडियो फुटेज हासिल हुई है, जिसमें उन्हें सेल्फ-डिपोर्ट के लिए 11 मार्च को कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CPB) एजेंसी एप का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है. होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने श्रीनिवासन का एयरपोर्ट का वीडियो भी शेयर किया है. साथ ही नोएम ने लिका,'हिंसा और आतंकवाद की वकालत करने वालों को देश में नहीं रहना चाहिए. उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट वीडियो के साथ लिखा,'अमेरिका में रहने और पढ़ने केलिए वीजा हासिल करना एक विशेषाधिकार होता है. जब आप हिंसा और आतंकवाद की वकालत करते हैं तो यह विशेषाधिकार छिन जाना चाहिए और आपको इस देश में नहीं रहने देना चाहिए. मैं यह देखकर खुश हूं कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एक आतंकी हितैषी खुद को सेल्फ-डिपोर्ट करने के लिए CBP होम ऐप का इस्तेमाल कर रही है.'
It is a privilege to be granted a visa to live & study in the United States of America.
— Secretary Kristi Noem (@Sec_Noem) March 14, 2025
When you advocate for violence and terrorism that privilege should be revoked and you should not be in this country.
I’m glad to see one of the Columbia University terrorist sympathizers… pic.twitter.com/jR2uVVKGCM
अब जान लीजिए कौन है रंजनी श्रीनिवासन
रंजनी श्रीनिवासन कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुट कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड प्रिजर्वेशन से डॉक्ट्रेट कर रही हैं. स्कूल की वेबसाइट के मुताबिक, श्रीनिवास ने खुद को जेंडर-न्यूट्रल घोषित किया है. रंजनी श्रीनिवासन भारतीय नागरिक हैं, जिन्होंने अहमदाबाद की CEPT यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री ली है और इसके बाद हार्वर्ड से मास्टर डिग्री पूरी की है. हार्वर्ड में पढ़ाई के लिए रंजनी श्रीनिवासन को फुलब्राइट नेहरू एंड इनलेक्स स्कॉलरशिप मिली थी, जो उन्हें पढ़ाई में बेहद शानदार स्टूडेंट साबित करता है.
पर्यावरण की वकालत करने वाले NGO से जुड़ी हैं रंजनी
रंजनी वॉशिंगटन में पढ़ाई के साथ ही एक पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले NGO से भी जुड़ी हैं, जो क्लाइमेट चेंज के कारण फ्रंटियर कम्युनिटीज के लिए पैदा हो रहे खतरे के खिलाफ काम कर रहा है. साथ ही वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वेस्ट फिलाडेल्फिया लैंडस्केप प्रोजेक्ट के लिए रिसर्चर के तौर पर भी काम कर रही हैं.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी बना हुआ है हमास समर्थक प्रदर्शनों का ग्राउंड जीरो
कोलंबिया यूनिवर्सिटी पिछले दिनों उन छात्र प्रदर्शनों के लिए ग्राउंड जीरो बना रहा है, जो फलस्तीन और हमास का समर्थन कर रहे हैं. ये छात्र इजरायल-हमास की लड़ाई (Israel-Hamas war) के बीच लगातार इनके समर्थन में प्रदर्शन करते रहे हैं और इजरायल का विरोध जताते रहे हैं. पिछले सप्ताह कोलंबिया यूनिवर्सिटी के फलस्तीनी स्टूडेंट महमूद खलील को अमेरिकी जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार भी किया था. खलील पिछले साल कोलंबिया यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रो-फलस्तीन प्रदर्शनों का सूत्रधार रहा था. खलील का ग्रीन कार्ड अमेरिकी अधिकारियों ने निरस्त कर दिया था, लेकिन एक फेडरर जज ने उसे डिपोर्ट करने पर अस्थायी रोक लगा दी थी. इसके बाद अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने एक अन्य कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्टूडेंट लीका कोर्दिया को भी गिरफ्तार किया था, जो अपने स्टूडेंट वीजा की अवधि पूरी होने के बाद भी अमेरिका में रह रही थी. लीका को पिछले साल न्यूयॉर्क में हुए प्रो-फलस्तीन प्रोटेस्ट में शामिल रहने के लिए गिरफ्तार किया गया है. जस्टिस डिपार्टमेंट के डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांक के मुताबिक, होमलैंड सिक्योरिटी इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या कोलंबिया यूनिवर्सिटी अपने परिसर में अवैध विदेशियों को शरण दे रही है और छुपा रहा है. यह जांच अभी जारी है.
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कौन है रंजनी श्रीनिवासन, जिसे हमास के कारण करना पड़ा खुद को US से सेल्फ-डिपोर्ट