डीएनए हिंदी: तुर्की के इस्तांबुल शहर में रविवार रात को जोरदार धमाका (Istanbul Blast) हुआ. इस धमाके में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 80 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन ने से आतंकी हमला बताया है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि एक महिला ने आत्मघाती हमला किया. इस हमले में एक बार फिर से कुर्दिश लड़ाकों (Kurdish Fighters) का नाम भी सामने आ रहे हैं. कुर्दिश लड़ाकों ने दशकों से तुर्की की नाम में दम कर रखा है. कई अन्य हमलों में भी कुर्द लड़ाकों का नाम सामने आ चुका है.
इस्तांबुल के इस्तिकलाल स्ट्रीट में हुए धमाके के बाद अफरा-तफरी मच गई. बताया गया कि सात साल पहले भी इसी इलाके में कई बम धमाके हुए थे जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी. सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि हादसे के बाद कैसे अफरा-तफरी मची और आग की लपटें फैल गईं. जिस जगह पर धमाका हुआ वह पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है इसलिए इस हमले को बेहद अहम माना जा रहा है.
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कुर्द लड़ाके कौन हैं?
तुर्की के लिए लंबे समय से कुर्दिश लड़ाके सिरदर्द बने हुए हैं. इनकी सबसे बड़ी मांग अलग कुर्दिस्तान देश बनाने की मांग है. तमाम मुद्दों को लेकर कुर्द लड़ाकों ने हथियार उठा लिए और तब से यह संघर्ष जारी है. कुर्दिश लड़ाकों ने अपने संगठन का नाम 'पेशमेगा' रखा है. इसका मतलब होता है, 'वो लोग जो मौत का सामना करते हैं'. कई और संगठन भी ऐसे हैं जो अलग कुर्दिस्तान की मांग करते रहे हैं. हथियार उठाने वाले इन्हीं लड़ाकों को कुर्दिश या कुर्द लड़ाके कहा जाता है.
कुर्दिस्तान का क्या है इतिहास?
समूचे मध्य एशिया क्षेत्र में कुर्द समर्थक फैले हैं. इनका खुद का कोई देश नहीं है. हालांकि, इनकी आबादी लगभग 3.5 करोड़ आंकी जाती है. कुर्द समर्थक लोग सीरिया, तुर्की, ईरान, आर्मेनिया और ईराक में फैले हुए हैं. दरअसल, पहले विश्व युद्ध के खत्म होने पर ओटोमन साम्राज्य बिखर गया. उस समय तमाम अन्य समुदायों की तरह ही कुर्दों को भी अलग देश का वादा किया था. हालांकि, इस समझौते को जल्द ही रद्द कर दिया गया लेकिन कुर्द समर्थकों ने अपनी मांग नहीं छोड़ी.
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तुर्की में कुर्द समर्थकों का सबसे बड़ा संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी है. इस पार्टी से जुड़े लोग लंबे समय से गुरिल्ला युद्ध लड़ रहे हैं. सीरिया में वाईजीपी समूह सक्रिय है जो अलग राज्य की मांग कर रहा है. कहा जाता है कि इसे अमेरिका का समर्थन हासिल है. तुर्की वीईजीपी और कुर्दिस्तान वर्क्स पार्टी को चरमपंथी संगठन मानता है. हालांकि, अलग-अलग देशों में फैले कुर्द समर्थकों की मांग भले एक हो लेकिन उनके बीच आपस में काफी मतभेद हैं. इसीलिए विशेषज्ञों का मानना है कि कुर्दिस्तान की मांग कभी पूरी नहीं होगी.
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तुर्की लगातार कर रहा है कुर्दिश लड़ाकों का सफाया
कुर्द लड़ाकों के सफाए के लिए तुर्की लगातार हमले करता रहा है. इसी साल जुलाई महीने में तुर्की ने कुर्द बहुल इलाके में जोरदार बमबारी की थी. इस हमले में कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक, कुर्द लड़ाकों और तुर्की के संघर्ष में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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कुर्द लड़ाके कौन हैं? तुर्की की नाक में कर रखा है दम, इंस्ताबुल धमाके में भी आया नाम