डीएनए हिंदी: पाकिस्तान की अब इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है. इमरान खान सरकार ने अमेरिका में अपना नया राजदूत मसूद खान को बनाने की घोषणा की है. मसूद को हिजबुल समर्थक माना जाता है. उनकी नियुक्ति के खिलाफ अमेरिकी सांसद स्कॉट पेरी ने पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने मसूद खान के लिए खुले तौर पर जिहादी शब्द का इस्तेमाल किया है.
अमेरिकी सांसद ने लिखा पत्र
स्कॉट पेरी ने राष्ट्रपति को पत्र में लिखा, 'मैं यह जानकर खुश हूं कि विदेश मंत्रालय ने कथित तौर पर मसूद खान को पाकिस्तान से नए राजदूत के रूप में मंजूरी देने पर रोक लगा दी है. मैं कहना चाहता हूं कि सिर्फ रोक लगाना ही काफी नहीं है. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मसूद खान की ओर से आपके सामने प्रस्तुत किए गए किसी भी राजनयिक प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं किया जाए.'
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पेरी ने इमरान खान की सिफारिश को जिहादी बोला
पेरी ने बाइडन से अपील करते हुए लिखे पत्र में खास तौर पर जिहादी शब्द का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार की ओर से इस जिहादी को अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत बनाने के किसी भी प्रयास को खारिज कर दिया जाए. उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार की ओर से हमारे हितों को कमजोर और हमारे भारतीयों सहयोगियों की सुरक्षा के खिलाफ करने वाले एक आतंकवादी समर्थक को समर्थन नहीं दिया जा सकता है. आतंकी समर्थक के नामांकन को एक गैर-जिम्मेदाराना फैसले के रूप में देखा जा सकता है. यह अमेरिका के लिए इस्लामाबाद की निरंतर अवमानना का सबसे खराब प्रदर्शन है.
हिजबुल मुजाहिदीन समर्थक के लिए सख्त भाषा
पेरी ने लिखा कि मसूद खान ने हिजबुल मुजाहिदीन सहित आतंकवादियों और विदेशी आतंकवादी संगठनों की प्रशंसा की है. अमेरिकी सांसद ने कहा, 'मसूद खान ने युवाओं को हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर बुरहान वानी जैसे जिहादियों की तरह बनने के लिए प्रोत्साहित किया था. वानी जैसे जिहादियों ने जिंदगी भर भारत के खिलाफ जंग लड़ी थी.' उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, 'मसूद खान ने हिजबुल मुजाहिदीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए 2017 में अमेरिका के खिलाफ बयान दिए थे.'
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खारिज हो सकती है नियुक्ति
अमेरिका में राजदूत के लिए पाकिस्तान की पसंद मसूद खान एक कट्टरपंथी हैं. उन्होंने कश्मीर में मारे गए आतंकियों को 'मसीहा' बताया था. फिलहाल उनकी नियुक्ति पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने रोक लगा दी है. स्कॉट पेरी के इस पत्र के बाद इस बात की संभावनाएं बढ़ गई हैं कि अमेरिका उनकी नियुक्ति को खारिज कर सकता है.
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