डीएनए हिंदी : रूस ने गुरूवार को यूक्रेन पर हमला कर दिया है. गुरुवार रात रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट चेर्नोबिल पर अधिकार कर लिया है. इस युद्ध से भीषण तबाही फ़ैली हुई है और लोग डरे हुए हैं. फलतः हज़ारों की संख्या में यूक्रेनवासी युद्ध के हालात से पलायन कर रहे हैं. यूक्रेन से भाग रहे लोग मध्य यूरोपीय देशों में पहुंच रहे हैं. यूरोपियन यूनियन के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले देश कभी मॉस्को के नेतृत्व में वॉरसॉ पैक्ट के अधीन थे. अब वे NATO के सदस्य हैं. इन देशों में पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और रोमानिया शामिल हैं. इन सबकी की ज़मीनी सीमाएं यूक्रेन के साथ जुड़ती हैं.
ध्यातव्य है कि रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ हर तरह का हमला बोल दिया है. रूसी सैनिक जल, थल और वायु तीनों मार्गों से यूक्रेन पर पूरी तरह कब्ज़ा ज़माने के लिए बढ़ रहे हैं. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह किसी भी एक देश द्वारा दूसरे देश पर सबसे बड़ा हमला है. इस हमले के बाद यूक्रेन (Ukraine) की लगभग साढ़े चार करोड़ की आबादी सकते में है.
कीव में गाड़ियों की लम्बी कतार
कई खबरिया संस्थाओं ने कल कीव में गाड़ियों की लम्बी कतारों की तस्वीरें दिखाई तो कई दक्षिणी पोलैंड(Poland) के Medyka इलाक़े की तस्वीरें दिखा रहे थे जहां सैकड़ों लोग पैदल चलते हुए पहुंचे हैं.
एक पोलिश महिला ओलेना के अनुसार वह कई घंटे तक इंतज़ार करती रहीं क्योंकि उनका पति और बच्चा दूसरी तरफ अटक गए थे. ओलेना का कहना है कि न तो वह उन तक फोन के ज़रिये पहुंच पा रही थीं, न ही किसी और तरीक़े से.
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पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों ने रास्ता दिया
सीमा पार करने वालों की सहूलियत के लिए पोलैंड(Poland) ने क्वारंटाइन के नियमों को आसान कर दिया. गौरतलब है कि पोलैंड में सबसे अधिक तकरीबन दस लाख यूक्रेनियन रहते हैं. इस दौरान पोलैंड ने रूस के खिलाफ सबसे कड़े प्रतिबन्ध लगाने की घोषणा की है. चेक गणराज्य के राष्ट्रपति जिनका झुकाव हमेशा रूस की ओर रहा है, उन्होंने पुतिन को पागल आदमी की संज्ञा दी है. देश ने रूसी नागरिकों को वीसा देने का प्रावधान बंद कर दिया है.
हंगरी(Hungary) के राष्ट्रपति विक्टर ओर्बन ने भी पुतिन के इस क़दम की निंदा करते हुए यूक्रेन के लोगों के लिए अपने रास्ते खोलने की बात की.
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