डीएनए हिंदीः गुरुवार को पूरे श्रीलंका में डीजल की बिक्री नहीं हुई. इस संकटग्रस्त देश के 22 मिलियन लोगों को बिजली के लंबे ब्लैकआउट के कारण परिवहन समस्या का सामना करना पड़ा. स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब दौर (आर्थिक मंदी) से गुजर रहा है. इतना ही नहीं, आयात का भुगतान करने के लिए श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी का भी सामना कर रहा है.
अधिकारियों और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, श्रीलंका में गुरुवार को बसों और वाणिज्यिक वाहनों के लिए ईंधन उपलब्ध नहीं था. बिक्री के लिए बहुत कम मात्रा में पेट्रोल उपलब्ध था, जिस वजह से मोटर चालकों को लंबी कतारों में अपनी कारों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.
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ईंधन संकट बिगड़ने के कारण श्रीलंका को 10 घंटे की दैनिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. परिवहन मंत्री दिलम अमुनुगामा ने कहा कि हम उपयोग के लिए गैरेज में मौजूद बसों से ईंधन निकाल रहे हैं जिससे वाहनों को चलाया जा सके. वहीं निजी बसों के मालिकों ने कहा कि उनके पास पहले से ही तेल मौजूद नहीं है जिस वजह से शुक्रवार के बाद सेवाएं देना संभव नहीं हो सकता है.
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निजी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष जेमुनु विजेरत्ने ने एएफपी को बताया कि वह डीजल के पुराने स्टॉक का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अगर गुरुवार शाम तक आपूर्ति नहीं हुई तो हम आगे काम नहीं कर पाएंगे. राज्य बिजली अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को 13 घंटे की बिजली कटौती लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
अधिकारियों का कहना है कि लंबी बिजली कटौती ने कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज को अपने व्यापार को आधे से दो घंटे तक सीमित करने के लिए मजबूर किया, जबकि कई कार्यालयों ने गैर-आवश्यक कर्मचारियों को घर पर रहने के लिए कहा. बिजली की कटोती ने मोबाइल फोन बस स्टेशनों को भी प्रभावित किया. साथ ही कॉल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई.
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