Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा देकर भारत में शरण ली है. भारत से हसीना का पुराना नाता है, जहां वे अपने पिता की हत्या के बाद भी लंबे समय तक शरण ले चुकी हैं. इसे 76 वर्षीय हसीना के राजनीतिक करियर का अंत माना जा रहा है. हालांकि कुछ लोग उनके बेटे या बेटी में से किसी एक के बांग्लादेश में हालात शांत होने के बाद वापस ढाका लौटकर अवामी लीग की कमान संभालने का अनुमान लगा रहे हैं. शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद पहले से ही दिल्ली में मौजूद है, जहां वे एक बेहद पॉवरफुल पद पर काम करती हैं. हसीना का बेटा सजीब वाजेद भी अमेरिका में बिजनेसमैन है और उसके भी बांग्लादेश लौटकर राजनीति करने की संभावना कम ही मानी जा रही है.
किस पद पर काम करती हैं हसीना की बेटी
52 वर्षीय साइमा जावेद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के लिए काम करती हैं. दिल्ली में वे WHO के एशिया रीजनल ऑफिस में रीजनल डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं, जिसे एक पॉवरफुल पद माना जाता है. इस पद पर तैनात होने वाली वे बांग्लादेश की पहली और दुनिया की महज दूसरी महिला हैं. उन्हें इस पद पर 23 जनवरी, 2024 को जिनेवा में WHO कार्यकारी बोर्ड ने तैनात किया था. पेशे से मनोवैज्ञानिक साइमा के आदेश पर ही दक्षिण पूर्व एशिया के 11 देशों की 2 अरब से ज्यादा लोगों की आबादी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सहायता निर्भर करती है. इससे पहले वे WHO महानिदेशक की सलाहकार (मानसिक स्वास्थ्य व ऑटिज्म) पद पर भी तैनात रह चुकी हैं. साइमा साल 2012 में न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों पर बांग्लादेश की राष्ट्रीय सलाहकार समिति की अध्यक्ष भी रही थीं. साइमा इससे पहले अपने बचपन में भी उस समय दिल्ली में रह चुकी हैं, जब उनकी मां शेख हसीना को बांग्लादेश सरकार ने निर्वासित कर दिया था.
मां से नहीं हुई अभी तक मुलाकात
शेख हसीना बांग्लादेश से सेना के विमान में सीधे दिल्ली से सटे हिंडन एयरपोर्ट पर ही उतरी हैं. पिछले तीन दिन से शेख हसीना दिल्ली में ही मौजूद हैं, लेकिन अब तक उनकी मुलाकात अपनी बेटी से नहीं हुई है. दरअसल शेख हसीना इस समय देश निर्वासन के बाद शरण लेने के लिए विभिन्न देशों से बातचीत करने में व्यस्त हैं.
अमेरिका में रहता है शेख हसीना का बेटा
शेख हसीना के बेटे सजीब अहमद वाजेद अपनी मां की सत्ता का तख्तापलट होने के बाद से लगातार सोशल मीडिया पर सक्रिय दिखे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी मां के बांग्लादेश से निर्वासित होने के बाद अगली योजनाओं की भी चर्चा की है. सजीब खुद अमेरिका में रहते हैं और वहीं पर बिजनेसमैन हैं. सजीब की दिलचस्पी बांग्लादेश की राजनीति में रही है. इसकी कारण वे बांग्लादेश अवामी लीग के मेंबर भी हैं. हालांकि अपनी मां के प्रधानमंत्री रहने के दौरान सजीब विवादों में भी रह चुके हैं. वे शेख हसीना के सलाहकार (सूचना व प्रोद्योगिकी मामले) के तौर पर काम कर चुके हैं.
वाजेद का भारत से खास नाता है
वाजेद कंसल्टिंग इंक कंपनी के अध्यक्ष सजीब वाजेद ने ही डिजिटल बांग्लादेश की शुरुआत की थी, जिसका टारगेट बांग्लादेश की आईटी इंडस्ट्री को बड़े एक्सपोर्ट बिजनेस में बदलना है. हालांकि वे इस काम में ज्यादा सफल नही हुए हैं. ढाका में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान 27 जुलाई 1971 को जन्मे वाजेद का भारत से खास नाता रहा है. उन्होंने भारत के नैनीताल स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज और फिर तमिलनाडु के पलानी हिलस् में कोडइकनाल इंटरनेशनल स्कूल के बोर्डिंग स्टूडेंट्स रहे हैं. वाजेद पिछले दो दशक से अमेरिका में ही रहते हैं. वर्जीनिया के फॉल्स चर्च इलाके में रहने वाले सजीब ने 2002 में अमेरिकी महिला क्रिस्टीन एन ओवरमायर से शादी की थी, जिससे उनकी सोफिया नाम की एक बेटी है.
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