डीएनए हिंदी : संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद्(Security Council) की आज बैठक होने वाली है. छः पश्चिमी देशों के कहने पर यूक्रेन के मसले पर एक खुली बैठक होने जा रही है. अनुमानतः ये सभी सदस्य रूस के द्वारा अपने छोटे पड़ोसी देशों के ख़िलाफ़ युद्ध न छेड़ने सम्बन्धी किसी मानवाधिकार संंकल्प का पालन न करने पर अपना मत देने जा रहे हैं.
इन देशों का कहना है कि रूस युद्ध अपराध कर रहा है. यूनाइटेड किंगडम के यूएन मिशन ने ट्वीट कर कहा कि रूस की यूक्रेन के साथ अवैध लड़ाई हम सब के लिए चेतावनी है. यूनाइटेड किंगडम उन छः देशों में शामिल है जिसने इस बैठक की दरख़्वास्त की थी.
अपनी ट्वीट में मिशन ने इन छः देशों का झंडा भी लगाया था जो क्रमशः यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे और अल्बानिया हैं.
फ्रांस-मेक्सिको सहित अन्य देशों ने रूस के मानवाधिकार संकल्प पर विस्तृत चर्चा की मांग की
रूस ने सुरक्षा परिषद्(Security Council) के सामने एक मानवाधिकार संकल्प पत्र रखा था जिसके अनुसार यूक्रेन के नागरिकों के लिए सुरक्षित जगह और उन तक मदद पहुंचाने की बात दर्ज थी. रूस का यह ड्राफ्ट फ्रांस और मेक्सिको द्वारा संयुक्त रूप से यूक्रेनी नागरिकों का मुद्दा उठाए जाने के एक दिन बाद आया था. फ्रांस-मेक्सिको ड्राफ्ट यूक्रेन के ख़िलाफ़ छिड़े युद्ध को तुरंत रोकने की मांग करता है और इस युद्ध की वजह से हो रहे मानवीय क्षति को रेखांकित करता है. रूस के द्वारा प्रस्तुत किए हुए पत्र में ये बातें नहीं रखी गई हैं.
ब्रिटेन की यूएन अम्बेस्डर बारबरा वुडवार्ड ने रूसी संकल्प पत्र की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें रूस के आक्रमणकारी होने की बात सिरे से गायब है. इस पर डिप्टी रूसी अम्बेस्डर दिमित्री पोलंस्की ने जवाब दिया कि यूनाइटेड किंगडम यह बताए कि कब-कब संकल्प पत्र में आक्रमण का ज़िक्र हुआ है.
रूस भी है सुरक्षा परिषद् का स्थाई सदस्य
सुरक्षा परिषद् के स्थाई सदस्यों में चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के अतिरिक्त रूस भी शामिल है. सुरक्षा परिषद्(Security Council) के अन्य देश रूस से लगातार युद्ध रोकने की मांग कर रहे हैं.
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