डीएनए हिंदी: लंदन के वैज्ञानिकों ने इंसानी शरीर में एक नए अंग की खोज की है. यह हिस्सा जबड़े की मास्सेटर मांसपेशियों (Masseter Muscle) की एक गहरी परत के अंदर मिला है. बता दें कि मास्सेटर मांसपेशी ही जबड़े के निचले हिस्से को ऊपर उठाती हैं. ये अंग खाने और चबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
हाल ही में इस नए अंग को खोजने की स्टडी रिपोर्ट एनल्स ऑफ एनाटोमी (Annals Of Anatomy) जर्नल में प्रकाशित हुई है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी टीम ने ऐतिहासिक ग्रंथों में लिखे जबड़े की मांसपेशियों में छिपे अंग को खोजने के लिए अपनी स्टडी शुरू की थी. ऐसा करने के लिए उन्होंने 12 इंसानी शवों को फॉर्मल्डेहाइड (Formaldehyde) में संरक्षित किया.
वहीं जब इन सिरों का अध्ययन किया गया तो उन्हें चौंकाने वाले परिणाम मिले. वैज्ञानिकों को प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित जगह से दूर शरीर का एक अलग हिस्सा दिखाई दिया.
रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस शोध के दौरान 16 ताजा शवों का सीटी स्कैन भी लिया और एक जीवित इंसान के एमआरआई स्कैन से तुलना भी की. इस दौरान उन्हें जबड़े की मांसपेशियों में तीसरी परत दिखाई दी.
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह गहरी परत जीगोमेटिक प्रोसेस (Zygomatic process) से चलती है. यही प्रॉसेस गाल की कोमल हड्डियों का ठोस बनाता है और इसे गाल के पीछे की तरफ महसूस किया जा सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ बेसल के सेंटर ऑफ डेंटल मेडिसिन के प्रोफेसर और डॉक्टर जेन्स क्रिस्टोफ टर्प ने कहा कि यह आमतौर पर माना जाता है कि पिछले 100 वर्षों में शारीरिक अनुसंधान (Anatomical Research) ने कोई कसर नहीं छोड़ी गई है, ऐसे में इसे सदी की खोज माना जा सकता है.
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